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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की सऊदी अरब यात्रा: हज 2026 के लिए महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने सऊदी अरब की यात्रा के दौरान हज 2026 के लिए महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस यात्रा में भारतीय तीर्थयात्रियों की संख्या 175,025 निर्धारित की गई है। रिजिजू ने सऊदी अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें यात्रा की सुविधाओं और समन्वय पर चर्चा की गई। जानें इस यात्रा के प्रमुख बिंदु और भारत-सऊदी अरब संबंधों में इसका महत्व।
 

केंद्रीय मंत्री की सऊदी यात्रा

किरेन रिजिजू की सऊदी यात्रा


केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में सऊदी अरब की यात्रा की, जो हज 2026 की तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने जेद्दा में द्विपक्षीय हज समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत भारतीय तीर्थयात्रियों की संख्या 175,025 निर्धारित की गई है।


यह यात्रा 7 से 9 नवंबर तक हुई, जिसमें रिजिजू ने सऊदी हज और उमराह मंत्री तौफीक बिन फौजान अल रबिया के साथ बैठक की। इस बैठक में हज की तैयारियों, समन्वय और रसद पर चर्चा की गई। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि दोनों पक्षों ने भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है।



सुविधाओं और यात्रा की गुणवत्ता पर ध्यान


आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को सुगम बनाने के लिए सुविधाओं, परिवहन, आवास और स्वास्थ्य सहायता पर चर्चा की गई। बैठक के बाद, दोनों पक्षों ने हज 2026 के लिए द्विपक्षीय हज समझौते पर हस्ताक्षर किए।


इसके अतिरिक्त, रिजिजू ने तैयारी की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए दूतावास और वाणिज्य दूतावास की टीमों के साथ समीक्षा बैठकें कीं और सऊदी अधिकारियों के साथ समन्वय की सराहना की।


मंत्री का निरीक्षण दौरा


मंत्री ने हज यात्रियों के बुनियादी ढांचे का अवलोकन करने के लिए जेद्दा और ताइफ में हज और उमराह से संबंधित महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा किया। उन्होंने दोनों शहरों में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत की।


रिजिजू ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह भारत और सऊदी अरब के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “हज 2026 पर हमारी चर्चा ने सभी हज यात्रियों के लिए एक सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से संतोषजनक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाया।”