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केंद्रीय कैबिनेट ने बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम के तीसरे चरण को दी मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम (BRCP) के तीसरे चरण को मंजूरी दी है, जिससे 1500 करोड़ रुपये की फेलोशिप का रास्ता खुल गया है। यह प्रोग्राम बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में नई रिसर्च को बढ़ावा देने और वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया है। जानें इस प्रोग्राम की शुरुआत, उद्देश्य और फेलोशिप के बारे में विस्तार से।
 

बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम का नया चरण

केंद्रीय कैबिनेट ने BRCP का फेज 3 शुरू करने की दी मंजूरी Image Credit source: Getty image

बायोमेडिकल रिसर्च क्षेत्र में कार्यरत या इसमें रुचि रखने वाले युवाओं और छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम (BRCP) के तीसरे चरण को मंजूरी दी है, जिससे 1500 करोड़ रुपये की फेलोशिप का रास्ता खुल गया है।

आइए जानते हैं कि BRCP क्या है, इसकी शुरुआत कब हुई और इसके तहत किस प्रकार की रिसर्च पर स्कॉलरशिप दी जाती है।

BRCP की जानकारी

बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग और ब्रिटेन के वेलकम ट्रस्ट इंडिया एलायंस द्वारा संचालित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में नई रिसर्च को बढ़ावा देना और इसमें कार्यरत वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करना है। इसके लिए पोस्टडॉक्टोरल स्तर पर फेलोशिप प्रदान की जाती है, जिसमें पीएचडी के अंतिम वर्ष के छात्र आवेदन कर सकते हैं। आयु सीमा की कोई बाध्यता नहीं है।

2008 में हुई थी शुरुआत

इस प्रोग्राम की शुरुआत 2008-09 में हुई थी, जब केंद्रीय कैबिनेट ने इसके पहले चरण को मंजूरी दी थी। तब से भारत में बायोमेडिकल रिसर्च के लिए विश्व स्तरीय मानकों पर फेलोशिप प्रदान की जा रही है। इसका दूसरा चरण 2018/19 में शुरू हुआ था।

तीसरे चरण का उद्देश्य

बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप स्किल और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए BRCP का तीसरा चरण शुरू करने का निर्णय लिया है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। तीसरे चरण में बायोमेडिकल रिसर्च में लगे प्रमुख वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही, इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च को बढ़ावा देने, वैश्विक प्रभाव वाली बायोमेडिकल रिसर्च क्षमता विकसित करने और वैज्ञानिक क्षमता में क्षेत्रीय असमानताओं को कम करने का कार्य किया जाएगा।

PIB द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, तीसरे चरण में ऐसे कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे, जिससे बेसिक, क्लिनिकल और पब्लिक हेल्थ में करियर शुरू करने वाले और इंटरमीडिएट रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों को फेलोशिप उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, सहयोगात्मक रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों को भी फेलोशिप दी जाएगी। तीसरे चरण में रिसर्च मैनेजमेंट प्रोग्राम और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय साझेदारी कार्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे। इस चरण का लक्ष्य 2,000 से अधिक छात्रों और पोस्टडॉक्टोरल फेलो को प्रशिक्षित करना है।

1500 करोड़ रुपये की फेलोशिप

तीसरे चरण के तहत 1500 करोड़ रुपये की फेलोशिप प्रदान की जाएगी। ये फेलोशिप 2025-26 से 2030-31 तक और फिर 2031-32 से 2037-38 तक दी जाएगी। इसमें भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग और ब्रिटेन तथा एसपीवी, इंडिया अलायंस का क्रमशः 1000 करोड़ रुपये और 500 करोड़ रुपये का योगदान होगा। पहले और दूसरे चरण में एक अभ्यर्थी को 10 लाख रुपये तक की फेलोशिप दी जाती थी।

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