केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस को दी मंजूरी
कर्मचारियों के लिए खुशखबरी
केंद्र सरकार ने 1.2 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय लगभग 10 महीने की प्रतीक्षा के बाद लिया गया है। इस आयोग की अध्यक्षता पूर्व सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश रंजना प्रसाद देसाई करेंगी। आयोग में दो अन्य सदस्य भी शामिल होंगे और इसे 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसका मतलब है कि आयोग अप्रैल 2027 तक अपनी सिफारिशें पेश कर सकता है।
कर्मचारियों की अपेक्षाएं
हालांकि सरकारी कर्मचारी जल्द ही वेतन वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन पिछले अनुभवों से पता चलता है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू होने में 2028 तक का समय लग सकता है। पिछले दो वेतन आयोगों (6वें और 7वें) के गठन से लेकर सिफारिशों के लागू होने में 22 से 28 महीने का समय लगा था।
6वें वेतन आयोग की प्रक्रिया
– गठन की घोषणा: जुलाई 2006 (UPA-1 सरकार)
– ToR की मंजूरी: अक्टूबर 2006
– रिपोर्ट सौंपी: मार्च 2008 (18 महीने बाद)
– कैबिनेट की मंजूरी: अगस्त 2008
– कुल अवधि: लगभग 22 महीने
सिफारिशें 1 जनवरी 2006 से प्रभावी रूप से लागू की गईं।
7वें वेतन आयोग की प्रक्रिया
– गठन की घोषणा: सितंबर 2013 (UPA-2)
– ToR मंजूरी: फरवरी 2014
– रिपोर्ट सौंपी: नवंबर 2015 (18 महीने बाद)
– मंजूरी: जून 2016 (NDA सरकार)
– कुल अवधि: लगभग 28 महीने
सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से प्रभावी की गईं।
8वें वेतन आयोग की संभावित समयसीमा
8वें वेतन आयोग की घोषणा 16 जनवरी 2025 को की गई थी, लेकिन इसका ToR 28 अक्टूबर 2025 को मंजूर किया गया। आयोग को 18 महीनों में रिपोर्ट सौंपनी है, जिसका मतलब है कि यह अप्रैल 2027 तक पूरी हो सकती है। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा समीक्षा और कैबिनेट की मंजूरी में समय लगेगा, जिससे वास्तविक वेतन संशोधन 2028 के प्रारंभिक महीनों में लागू हो सकता है।
आयोग के दायित्व
केंद्र सरकार द्वारा मंजूर ToR के अनुसार, 8वां वेतन आयोग निम्नलिखित बिंदुओं पर अध्ययन और सिफारिश करेगा —
1. केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे की समीक्षा और संशोधन।
2. पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों में बदलाव की सिफारिश।
3. वेतन समानता और वेतन संरचना के तर्कसंगतकरण के उपाय।
4. भत्तों और सेवा शर्तों में सुधार।
5. कार्य परिस्थितियों की तुलना सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र से।
6. सिफारिशों का असर राजकोषीय स्थिति और आर्थिक संतुलन पर।
7. संभावित प्रभाव का मूल्यांकन, क्योंकि कई राज्य भी केंद्र के वेतन ढांचे को अपनाते हैं।
लाभार्थियों की सूची
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें सीधे तौर पर 1.2 करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को प्रभावित करेंगी। इसके अलावा, स्वायत्त निकायों और सांविधिक संगठनों के कर्मचारी, जो केंद्र के वेतनमान को अपनाते हैं, उन्हें भी लाभ मिलेगा। राज्य सरकारें भी बाद में अपने संशोधित संस्करण लागू करेंगी, जिससे लाखों अतिरिक्त कर्मचारियों को भी परोक्ष रूप से फायदा होगा। अब जब ToR को मंजूरी मिल चुकी है, तो आयोग औपचारिक रूप से काम शुरू करेगा। अगले 18 महीनों में यह विभिन्न मंत्रालयों, कर्मचारी संगठनों और विशेषज्ञ संस्थानों से परामर्श लेकर रिपोर्ट तैयार करेगा।