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कृषि मंत्री चौहान ने फसल बीमा योजना में नए लाभों की घोषणा की

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। अब जंगली जानवरों और अत्यधिक वर्षा के कारण होने वाले फसल नुकसान को भी कवर किया जाएगा। यह निर्णय उन किसानों के लिए फायदेमंद होगा, जो पहले इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण नुकसान उठाते थे। इसके अलावा, चौहान ने 2024-25 के फसल उत्पादन के आंकड़ों में वृद्धि की जानकारी भी साझा की, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत अधिक है। इस लेख में जानें और क्या-क्या बदलाव हुए हैं।
 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में महत्वपूर्ण बदलाव

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को यह जानकारी दी कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) अब जंगली जानवरों और अत्यधिक वर्षा के कारण होने वाले फसल नुकसान को भी कवर करेगी। एक वीडियो संदेश में चौहान ने कहा, "मैं आज आपको एक अच्छी खबर देने आया हूँ... पहले दो प्रकार के नुकसान इस योजना के तहत कवर नहीं होते थे, जिनकी मांग लंबे समय से की जा रही थी। पहला, जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान। दूसरा, अत्यधिक वर्षा के कारण बाढ़ या जलभराव से होने वाला नुकसान।"


किसानों को मिलेगा लाभ

चौहान ने आगे बताया कि अब ये दोनों प्रकार के नुकसान फसल बीमा योजना के अंतर्गत कवर किए जाएंगे। यदि जंगली जानवर फसलों को नुकसान पहुँचाते हैं, तो किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसी तरह, जलभराव के कारण फसलों को होने वाले नुकसान की भी भरपाई की जाएगी। इस निर्णय से उन हजारों किसानों को लाभ होगा, जो पहले इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण नुकसान उठाते थे लेकिन बीमा दावों के लिए पात्र नहीं थे।


फसल उत्पादन में वृद्धि

गुरुवार को चौहान ने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए बताया कि 2024-25 में फसल उत्पादन का अंतिम अनुमान 357.73 मिलियन टन तक पहुँच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने लिखा कि यह हमारे किसान भाई-बहनों की मेहनत का परिणाम है, जिन्होंने खाद्यान्न उत्पादन में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।


खाद्यान्न उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि

चौहान ने यह भी कहा कि पिछले दस वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में 106 मिलियन टन से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने अपने पोस्ट में उल्लेख किया, "पिछले दस वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में 106 मिलियन टन से अधिक की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। चावल, गेहूं, मक्का और बाजरा जैसी प्रमुख फसलों में वृद्धि देश की कृषि शक्ति और केंद्र सरकार की नीतियों की सफलता का प्रमाण है।"