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कुलदीप यादव को क्यों नहीं मिला मौका? गंभीर की कोचिंग में चौंकाने वाला फैसला

भारतीय क्रिकेट टीम में कुलदीप यादव को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला, जिससे फैंस और विशेषज्ञ हैरान हैं। गौतम गंभीर की कोचिंग में उन्हें नजरअंदाज किया गया है, जबकि उनके आंकड़े बताते हैं कि वह एक प्रभावी स्पिनर हैं। जानें इस चौंकाने वाले फैसले के पीछे की वजह और क्या कुलदीप को अब सिस्टम से बाहर कर दिया गया है।
 

गंभीर की रणनीति और कुलदीप का स्थान

गंभीर: भारतीय क्रिकेट टीम में कुछ खिलाड़ियों की क्षमता पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन वे टीम की रणनीति के कारण बाहर रह जाते हैं। ऐसा ही कुछ हाल में देखने को मिला है। एक चाइनामैन स्पिनर, जिसे पहले एमएस धोनी का 'ट्रंप कार्ड' माना जाता था, अब गंभीर की कोचिंग में नजरअंदाज किया गया है। भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला, जिससे फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञ दोनों हैरान हैं। आइए जानते हैं कि वह खिलाड़ी कौन है।


कुलदीप को खेलने का मौका क्यों नहीं मिला?

पूरी टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय टीम की प्लेइंग 11 में कई बदलाव हुए — कभी चोट के कारण तो कभी वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते। सभी खिलाड़ियों को एक न एक मैच में खेलने का मौका मिला, लेकिन कुलदीप यादव को केवल बेंच पर बैठना पड़ा। कुलदीप, जो स्पिन विभाग में एक बेहतरीन विकल्प माने जाते हैं, को इंग्लैंड की पिचों पर खेलने का मौका नहीं दिया गया। यह और भी चौंकाने वाला है जब इंग्लैंड के बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहे हैं, फिर भी कुलदीप जैसे प्रभावी स्पिनर को नजरअंदाज किया गया।


गंभीर का निर्णय और बल्लेबाजी पर ध्यान

यह कहना गलत नहीं होगा कि कुलदीप खराब फॉर्म में नहीं हैं। 2024 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने अंतिम टेस्ट में उन्होंने 3 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया था। फिर भी, उन्हें इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला। इसकी मुख्य वजह टीम प्रबंधन का बल्लेबाजी पर अधिक ध्यान केंद्रित करना है।


कोच गौतम गंभीर और बल्लेबाजी कोच सीतांशु कोटक का मानना है कि भारत की टॉप ऑर्डर बल्लेबाजी इस समय लगातार विफल हो रही है, इसलिए जडेजा और वाशिंगटन सुंदर जैसे ऑलराउंडरों को प्राथमिकता दी जा रही है। शायद इसी कारण कुलदीप यादव जैसे विशेषज्ञ गेंदबाज को टीम से बाहर रखा गया है।


धोनी का ट्रंप कार्ड, लेकिन अब उपेक्षा का शिकार?

याद दिलाते चलें कि एमएस धोनी के समय में कुलदीप यादव एक मैच विनर स्पिनर के रूप में उभरे थे। धोनी की कप्तानी में उन्हें भरपूर मौके मिले और उन्होंने कई बार भारतीय टीम को जीत दिलाई। लेकिन कोहली के बाद अब गंभीर की कोचिंग में भी उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या कुलदीप को अब सिस्टम से बाहर कर दिया गया है?


कुलदीप के आंकड़े

कुलदीप यादव के आंकड़े बताते हैं कि उन्होंने अब तक 13 टेस्ट मैचों में 24 पारियों में 56 विकेट लिए हैं। उनका बोलिंग एवरेज 22.6 और स्ट्राइक रेट 37.3 है। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 5 विकेट लेकर 40 रन देना है। ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि वह एक प्रभावी और विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। इसके अलावा, फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 43 मैचों में 164 विकेट लिए हैं, जो उनकी निरंतरता और प्रभावशीलता को दर्शाता है।