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कुलगाम में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़: दो जवान शहीद, अभियान जारी

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों के साथ चल रही मुठभेड़ में सेना के दो जवान शहीद हो गए हैं। यह मुठभेड़ नौवें दिन भी जारी है, जो घाटी में सबसे लंबे आतंकवाद रोधी अभियानों में से एक है। सुरक्षाबलों ने दुर्गम वन क्षेत्र में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया है। जानें इस अभियान की पूरी जानकारी और शहीद जवानों के बारे में।
 

कुलगाम में आतंकवादियों के खिलाफ चल रही मुठभेड़

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों के साथ हुई रातभर की मुठभेड़ में सेना के दो जवान शहीद हो गए हैं, जबकि दो अन्य घायल हुए हैं। यह मुठभेड़ शनिवार को नौवें दिन भी जारी है, जो घाटी में सबसे लंबे आतंकवाद रोधी अभियानों में से एक मानी जा रही है। अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी दी।


सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और बताया कि अभियान अभी भी जारी है। दक्षिण कश्मीर के अखल क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने एक अगस्त को घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। अब तक इस मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे जा चुके हैं।


हालांकि, मारे गए आतंकवादियों की पहचान और उनके समूह के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। चिनार कोर ने शनिवार को एक पोस्ट में कहा, "चिनार कोर अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों, लांस नायक प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करती है। उनका साहस और समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।"


सेना ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति एकजुटता व्यक्त की है और कहा है कि अभियान जारी है। अधिकारियों के अनुसार, रातभर की गोलीबारी में दो अन्य जवान भी घायल हुए हैं, जिससे कुल घायल सुरक्षाबलों की संख्या नौ हो गई है।


जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रमुख नलिन प्रभात और सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा सहित वरिष्ठ पुलिस और सैन्य अधिकारी इस अभियान पर चौबीसों घंटे नजर रख रहे हैं।


अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने दुर्गम वन क्षेत्र में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया है, और पैरा कमांडो भी छिपे हुए आतंकवादियों को मार गिराने में सुरक्षाबलों की सहायता कर रहे हैं।