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कुआलालंपुर में कार में रहने वाले परिवार की दर्दनाक कहानी

कुआलालंपुर में एक परिवार ने दो साल से एक पुरानी कार में रहने का कठिन संघर्ष किया है। यह कहानी अम्रू अल-अस मस्जिद के पास की है, जहां एक पति, पत्नी और उनके दो बच्चे एक कार में रह रहे हैं। आर्थिक तंगी और बढ़ती महंगाई ने उन्हें इस स्थिति में ला दिया है। स्थानीय अधिकारियों और मस्जिद की समिति ने मदद का आश्वासन दिया है, लेकिन स्थायी समाधान की आवश्यकता है। जानिए इस परिवार की दर्दनाक कहानी और उनकी मदद की कोशिशें।
 

गरीबी का सामना: एक परिवार की कहानी

मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में एक परिवार ने दो साल से एक पुरानी कार में रहने का कठिन संघर्ष किया है। यह कहानी अम्रू अल-अस मस्जिद के पास की है, जहां एक कार ने लोगों का ध्यान खींचा। बाहर से यह गाड़ी एक बेकार वाहन लगती थी, लेकिन जब स्थानीय निवासियों ने इसके अंदर झांका, तो एक चौंकाने वाला सच सामने आया।


इस कार में एक पति, पत्नी और उनके दो छोटे बच्चे रह रहे थे, जो पास के एसके श्री पेराक स्कूल में पढ़ते हैं। यह परिवार पाहांग प्रांत के टेमरलोह से बेहतर जीवन की तलाश में कुआलालंपुर आया था, लेकिन नौकरी की कमी और बढ़ती महंगाई ने उन्हें इस स्थिति में ला दिया।


फेडरल टेरिटरी उम्नो इन्फॉर्मेशन चीफ दातुक सुलम मुजफ्फर गुलम मुस्तकीम ने इस परिवार की स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कार में रहने वाले बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मस्जिद की समिति ने भी परिवार को खाना और पानी मुहैया कराने का आश्वासन दिया है।


हालांकि, स्थायी समाधान की आवश्यकता है। मलेशिया में गरीबी की समस्या नई नहीं है, और कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक मंदी ने कई परिवारों को प्रभावित किया है।