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किसानों की दुर्दशा पर शरद पवार का सरकार पर हमला, 17 अक्टूबर को होगा प्रदर्शन

शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद नहीं कर रही है। किसानों की स्थिति गंभीर है, और 17 अक्टूबर को एनसीपी हर जिले में प्रदर्शन करने जा रही है। इस आंदोलन का उद्देश्य सरकार तक किसानों की समस्याएं पहुंचाना है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और किसानों की दुर्दशा के पीछे की सच्चाई।
 

किसानों की समस्याओं पर शरद पवार का बयान

शरद पवार, देवेंद्र फडणवीस

शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया है कि वह बाढ़ से प्रभावित किसानों की भावनाओं के साथ खेल रही है। किसानों को अब तक उनके बैंक खातों में कोई सहायता राशि नहीं मिली है, जिससे उनकी दिवाली इस बार अंधेरी हो गई है। एनसीपी ने 17 अक्टूबर को हर जिले के कलेक्टर कार्यालय के बाहर किसानों के हक में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र में अतिवृष्टि ने भारी तबाही मचाई है।

किसानों के खेत जलमग्न हो गए हैं, फसलें और मिट्टी बह गई हैं, और मेहनत से खड़ा किया गया उनका संसार पल भर में बर्बाद हो गया है। उज्ज्वल भविष्य के सपने देखने वाले बच्चों की किताबें कीचड़ में दब गई हैं और वर्षों से पाले गए पशुधन की जान चली गई है।

इन परिस्थितियों के कारण किसानों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। किसानों का कहना है कि जब उन्हें मदद की आवश्यकता थी, तब सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया। सरकार ने केवल थोड़ी-सी राशि देकर अपनी जिम्मेदारी से हाथ झटक लिया है। कई किसान इस स्थिति से हताश होकर आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं, लेकिन सत्ताधारी नेताओं को उनकी आवाज सुनाई नहीं दे रही है।

इस मुद्दे को लेकर राज्यभर के किसान 17 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक प्रत्येक जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे। इस आंदोलन का उद्देश्य है कि सरकार तक किसानों की समस्याएं पहुंचाई जा सकें।