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किरायेदार और मकान मालिक के विवाद: कानूनी अधिकार और उपाय

किरायेदार और मकान मालिक के बीच विवाद अक्सर होते हैं, लेकिन क्या मकान मालिक को बिना कानूनी प्रक्रिया के किरायेदार को बेदखल करने का अधिकार है? जानें भारतीय कानून के अनुसार क्या सही है और अगर आपका सामान जबरन बाहर फेंका जाए तो आपको क्या करना चाहिए। इस लेख में हम आपको सिविल प्रोसीजर कोड, भारतीय न्याय संहिता और रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत आपके अधिकारों के बारे में जानकारी देंगे।
 

किरायेदार और मकान मालिक के बीच विवाद


किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच विवाद अक्सर देखने को मिलते हैं। कभी-कभी ये छोटे मुद्दों से शुरू होते हैं, जैसे किराया न चुकाना, और कभी-कभी ये गंभीर हो जाते हैं, जैसे मकान मालिक का सामान बाहर फेंकना या ताला बदलना। लेकिन क्या मकान मालिक को बिना कानूनी प्रक्रिया के ऐसा करने का अधिकार है? इसका उत्तर है नहीं। भारत में, बिना कोर्ट के आदेश के किरायेदार को बेदखल करना पूरी तरह से अवैध है।


कानूनी प्रावधान

कानून की व्याख्या:
1. सिविल प्रोसीजर कोड: बिना कोर्ट के आदेश के बेदखली की अनुमति नहीं है। मकान मालिक को बेदखली के लिए कोर्ट में मामला दायर करना होगा। कोर्ट की सुनवाई के बाद ही बेदखली का आदेश जारी किया जा सकता है।


2. भारतीय न्याय संहिता (BNS): यदि मकान मालिक सामान बाहर फेंकता है या ताला बदलता है, तो यह अपराध है। पुलिस को ऐसे मामलों में कार्रवाई करनी होती है।


3. रेंट कंट्रोल एक्ट: बिना नोटिस या कोर्ट के आदेश के किसी भी किरायेदार को बेदखल करना गैरकानूनी है। लिखित एग्रीमेंट न होने पर भी किरायेदार के अधिकार सुरक्षित रहते हैं।


क्या करें अगर मकान मालिक सामान बाहर फेंक दे?

1. पुलिस में शिकायत करें: यदि मकान मालिक जबरन सामान बाहर फेंकता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।


2. SDM / Rent Authority में शिकायत: रेंट अथॉरिटी से त्वरित समाधान प्राप्त किया जा सकता है।


3. सिविल कोर्ट में जाएं: यदि आपका सामान फेंका गया है, तो सिविल कोर्ट में मामला दर्ज करें।


किरायेदार को क्या नहीं करना चाहिए?

· हाथापाई या हिंसा से बचें।
· घर खाली न करें, इससे यह माना जा सकता है कि आपने किरायेदारी छोड़ दी।
· ताला तोड़ने का प्रयास न करें।
· केवल बहस में समय न गंवाएं, सब कुछ लिखित में दर्ज करें।