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किडनी फेलियर के प्रारंभिक संकेत: पहचानें और बचें

किडनी की बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है। यदि आप थकान, सूजन, पेशाब में बदलाव या भूख में कमी जैसे लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो यह किडनी के खराब होने का संकेत हो सकता है। समय पर पहचान और उपचार से आप गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं। जानें किडनी की सेहत बनाए रखने के उपाय और लक्षणों की पहचान कैसे करें।
 

किडनी की बीमारी के लक्षण

किडनी, जिसे गुर्दा भी कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण फ़िल्टर की तरह कार्य करती है। यह रक्त को साफ करती है और शरीर से विषैले पदार्थों और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालती है। जब किडनी की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है, तो इसके कुछ प्रारंभिक संकेत दिखाई देने लगते हैं। अक्सर लोग इन लक्षणों को सामान्य समझकर अनदेखा कर देते हैं, जबकि यही वह समय होता है जब सही उपचार से किडनी को बचाया जा सकता है।


किडनी फेलियर के लक्षण

सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. हिमांशु वर्मा के अनुसार, जब किडनी ठीक से कार्य नहीं करती, तो शरीर में अपशिष्ट पदार्थ जमा होने लगते हैं। इससे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा प्रभावित होती है, जिसके कारण व्यक्ति को बिना किसी मेहनत के भी थकान और कमजोरी महसूस होती है।


पैरों, टखनों या चेहरे पर सूजन आना: जब किडनी नमक और पानी को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती, तो ये शरीर में इकट्ठा होकर सूजन का कारण बनते हैं। खासकर सुबह के समय आंखों के नीचे या टखनों में सूजन देखी जा सकती है।


पेशाब से जुड़ी समस्याएं: किडनी खराब होने के प्रारंभिक लक्षणों में पेशाब में बदलाव शामिल होता है। पेशाब का रंग गहरा होना, उसमें झाग आना, बार-बार पेशाब आना या बहुत कम पेशाब आना ये सब संकेत हो सकते हैं कि किडनी प्रभावित हो रही है।


भूख कम लगना और मतली आना: किडनी के खराब होने से शरीर में टॉक्सिन्स की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे मतली, उल्टी और भूख न लगने की समस्या उत्पन्न होती है। कई बार मुँह का स्वाद भी खराब हो जाता है।


सांस लेने में दिक्कत: अगर किडनी शरीर से अतिरिक्त तरल नहीं निकाल पा रही है, तो यह फेफड़ों में जमा हो सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।


त्वचा में खुजली और सूखापन: किडनी का कार्य शरीर में खनिजों और पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखना है। जब यह ठीक से कार्य नहीं करती, तो त्वचा रूखी और खुजलीदार हो जाती है।


नींद की समस्या और ध्यान केंद्रित न कर पाना: किडनी फेलियर के कारण नींद में दिक्कत और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


ब्लड और यूरिन टेस्ट करवाना: यदि आपको ये लक्षण लगातार महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से मिलकर ब्लड और यूरिन टेस्ट करवाना आवश्यक है। विशेष रूप से यदि आपको डायबिटीज या उच्च रक्तचाप है, तो किडनी पर असर होने की संभावना अधिक होती है।


किडनी की सेहत का ध्यान कैसे रखें

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, अधिक नमक और पैक्ड फूड से बचें, रक्तचाप और डायबिटीज को नियंत्रित रखें, और बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।