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किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को 311.67 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान

किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों के लिए राहत की खबर आई है, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने 311.67 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान की प्रक्रिया शुरू की है। यह राशि उन शेयरों की बिक्री से प्राप्त की गई है, जिन्हें पहले मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत कुर्क किया गया था। जानें इस प्रक्रिया के पीछे की कहानी और कैसे यह निर्णय कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है।
 

किंगफिशर कर्मचारियों के लिए राहत की खबर


किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण समाचार सामने आया है, जो लगभग दस वर्षों से अपने बकाया वेतन और भत्तों का इंतज़ार कर रहे थे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पहल से अब 311.67 करोड़ रुपये की राशि कर्मचारियों के बकाया चुकाने के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। यह राशि उन शेयरों की बिक्री से प्राप्त की गई है, जिन्हें पहले मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA) के तहत कुर्क किया गया था।


12 दिसंबर 2025 को चेन्नई में डेट्स रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT-I) के रिकवरी ऑफिसर ने आदेश दिया कि यह धनराशि आधिकारिक लिक्विडेटर को सौंपी जाए, ताकि किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को उनका हक मिल सके।


जांच की प्रक्रिया

ED ने किंगफिशर एयरलाइंस, उसके प्रमोटर विजय माल्या और संबंधित कंपनियों के खिलाफ CBI की FIR के आधार पर जांच शुरू की थी। इस जांच में यह पाया गया कि बैंकों से लिए गए कर्ज का एक बड़ा हिस्सा गलत तरीके से पुराने कर्ज चुकाने और विदेशी भुगतान के नाम पर बाहर भेजने में इस्तेमाल किया गया।


PMLA के तहत संपत्तियों की कुर्की

जांच के दौरान, ED ने विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस और उनसे जुड़ी संस्थाओं की लगभग 5,042 करोड़ रुपये की संपत्तियां PMLA के तहत कुर्क की थीं। इसके अलावा, CrPC के तहत भी 1,694.52 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गई थीं। बाद में, विजय माल्या को 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया।


बैंक समूह की अपील

SBI के नेतृत्व वाले बैंक समूह ने अदालत से अनुरोध किया कि जब्त संपत्तियों से कर्मचारियों का बकाया चुकाया जाए। ED ने पहले ₹14,132 करोड़ की संपत्तियां SBI को वापस दिलाईं, जिससे एक बड़ा फंड तैयार हुआ। इसी फंड से अब कर्मचारियों के 311 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। यह निर्णय यह दर्शाता है कि ED अपराधियों की अवैध संपत्तियों को उनसे लेकर पीड़ितों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। कई वर्षों से इंतज़ार कर रहे कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी राहत है।