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काशी में देव दीपावली: 15 लाख दीपों से जगमगाया दशाश्वमेध घाट

काशी में देव दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया, जहां 15 लाख दीपों ने घाटों को जगमगाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्वलित कर इस महोत्सव की शुरुआत की। इस अवसर पर 21 अर्चकों और 42 देव कन्याओं ने महाआरती की, जिसमें आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद का संगम देखने को मिला। गंगा पार ग्रीन क्रैकर्स शो ने भी पर्यटकों का मन मोह लिया। जानें इस अद्भुत उत्सव के बारे में और कैसे काशी ने एक बार फिर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित किया।
 

महाआरती का भव्य आयोजन


21 अर्चक और 42 देव कन्याओं ने की महाआरती, 21 कुंतल फूलों और 51 हजार दीपों से सजा दशाश्वमेध घाट


देव दीपावली के अवसर पर बुधवार की शाम काशी के अर्धचंद्राकार गंगा घाटों पर जब शाश्वत ज्योति की लौ प्रज्वलित हुई, तो पूरा शहर दिव्यता और भव्यता के अद्भुत संगम में डूब गया। मां गंगा की गोद से उठती आस्था की सीढ़ियों पर जलते लाखों दीपों की रोशनी ने ऐसा दृश्य प्रस्तुत किया, मानो स्वर्ग स्वयं धरती पर उतर आया हो। गोधूलि बेला में उत्तरवाहिनी गंगा की लहरों पर जब दीपों की सुनहरी आभा झिलमिलाई, तो काशी एक बार फिर सनातन संस्कृति की उजास से आलोकित हो उठी।


मुख्यमंत्री का दीप प्रज्वलन

योगी आदित्यनाथ ने किया पहला दीप प्रज्वलित


देव दीपावली का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दशाश्वमेध घाट पर पहला दीप जलाकर किया। उनके साथ पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य और महापौर आलोक तिवारी ने भी दीप प्रज्वलित कर मां गंगा को नमन किया। इसके बाद सभी विशिष्ट अतिथियों ने नौका पर सवार होकर गंगा आरती और घाटों पर सजी देव दीपावली की अद्भुत झांकी का अवलोकन किया।


धर्म और राष्ट्रभाव का संगम

धर्म और राष्ट्रभाव का संगम


दशाश्वमेध घाट पर ‘अमर जवान ज्योति’ की अनुकृति स्थापित की गई, जिसने धर्म के साथ राष्ट्रवाद का संदेश दिया। यहां कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। देव दीपावली महोत्सव को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम समर्पित किया गया, जिसके माध्यम से देश की वीर माताओं के आंचल को नमन किया गया।


काशी की जगमगाहट

15 लाख दीपों से जगमग हुई पूरी काशी


योगी सरकार द्वारा इस बार 10 लाख दीपों का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन जनसहभागिता से यह संख्या बढ़कर 15 से 25 लाख दीपों तक पहुंच गई। इन दीपों में 1 लाख गाय के गोबर से निर्मित पर्यावरण-अनुकूल दीप भी शामिल थे। घाटों, तालाबों, कुंडों और देवालयों पर दीपों की श्रृंखला ने काशी को सुनहरी माला की तरह सजा दिया। देव दीपावली पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। बाबा विश्वनाथ के दरबार को फूलों और रोशनी से भव्य रूप में सजाया गया।


ग्रीन क्रैकर्स शो का आयोजन

गंगा पार ‘ग्रीन क्रैकर्स शो’ ने बांधा समां


गंगा पार की रेत पर कोरियोग्राफ और सिंक्रोनाइज ग्रीन क्रैकर्स शो ने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आसमान में गूंजती संगीतबद्ध आतिशबाजी और गंगा की लहरों पर झिलमिलाते रंगों ने वातावरण को और भी दिव्य बना दिया।


महाआरती में आध्यात्मिकता

महाआरती में आध्यात्मिकता के साथ राष्ट्रवाद की झलक


दशाश्वमेध घाट की महाआरती में 21 अर्चकों और 42 देव कन्याओं ने रिद्धि-सिद्धि स्वरूप में मां गंगा की आरती की। 21 कुंतल फूलों और 51 हजार दीपों से सजे घाट पर जब शंखनाद और घंटा-घड़ियालों की ध्वनि गूंजी, तो वातावरण में अद्भुत ऊर्जा का संचार हो गया। इस अवसर पर अमर वीर योद्धाओं को ‘वीर गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया।