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कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि, ऑपरेशन सिंदूर जारी

कारगिल विजय दिवस पर, लद्दाख के ड्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्रियों और सेना के प्रमुख ने शहीदों की बहादुरी को याद किया। ऑपरेशन सिंदूर, जो पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई है, अभी भी जारी है। यह दिन भारतीय सशस्त्र बलों की अद्वितीय साहस और बलिदान का प्रतीक है। जानें इस दिन का महत्व और शहीदों की याद में आयोजित कार्यक्रमों के बारे में।
 

कारगिल युद्ध के नायकों की याद

ड्रास, लद्दाख में कारगिल युद्ध स्मारक पर कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। इस अवसर पर युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मंडाविया, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और शहीदों के परिजन उपस्थित थे। उन्होंने उन 545 सैनिकों को याद किया, जिन्होंने ऑपरेशन विजय के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी।


श्रद्धांजलि का आयोजन

कारगिल विजय दिवस पर, विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों, शहीदों के परिवारों और सेना के कमांडरों ने ड्रास में युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। यह दिन 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की बहादुरी को सम्मानित करने का है।


ऑपरेशन सिंदूर की प्रगति

रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर, जो पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सीधी सैन्य कार्रवाई है, अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि देश की सैन्य तत्परता हमेशा उच्च स्तर पर रहनी चाहिए।


कारगिल विजय दिवस का महत्व

कारगिल विजय दिवस केवल एक विजय का उत्सव नहीं है, बल्कि यह भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित अद्वितीय साहस, निस्वार्थ बलिदान और अटूट देशभक्ति का गहरा स्मरण है।


इतिहास में 26 जुलाई

हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। 1999 में इसी दिन भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' की सफल समाप्ति की घोषणा की थी, जिसमें लगभग तीन महीने की लड़ाई के बाद कारगिल की बर्फीली ऊंचाइयों पर विजय प्राप्त की गई थी।