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कानपुर में तेजाब हमले के आरोपी को 30 साल की सजा

कानपुर में एक विधवा पर तेजाब फेंकने के मामले में आरोपी को 30 साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया गया है। यह घटना तब हुई जब प्रियंका ने शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। अदालत ने पीड़िता को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। जानें इस दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी और अदालत के फैसले के पीछे की वजह।
 

दिल दहला देने वाली घटना


नई दिल्ली: कानपुर से एक च shocking घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति ने शादी के प्रस्ताव को ठुकराने पर एक विधवा पर तेजाब फेंक दिया। इस मामले में सोमवार को अदालत ने आरोपी को 30 साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत ने पीड़िता को सरकारी योजनाओं के तहत मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने सख्त सजा सुनाई है, जिसमें पुलिस की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही।


बीच सड़क पर तेजाब से हमला

यह घटना यूपी के कानपुर की है। प्रियंका उर्फ खुशबू के पति की जनवरी 2022 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। पति की मौत के बाद, प्रियंका अपने बच्चे के साथ अपने मायके बिधनू में रहने लगी। 4 मई 2022 को, प्रियंका रोज की तरह काम पर जा रही थी, तभी अजय नामक व्यक्ति ने उसे रोककर शादी के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया। प्रियंका के विरोध करने पर अजय ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन प्रियंका ने आगे बढ़ने का प्रयास किया। इससे गुस्साए अजय ने तेजाब से भरे डिब्बे से प्रियंका पर तेजाब डाल दिया और वहां से भाग गया।


इलाज जारी

अपर जिला जज तृतीय कंचन सागर ने कहा कि अजय पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जो पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रियंका ने कोर्ट में बयान दिया था कि अजय के परिवार वाले समझौते के लिए दबाव डालते थे और धमकी देते थे कि अगर वह समझौता नहीं करती, तो अजय उसे मार डालेगा। लेकिन प्रियंका ने हिम्मत नहीं हारी और न्याय के लिए लड़ाई जारी रखी।


दोषी को सजा

अजय, जो दो बच्चों का पिता है, को दोषी ठहराया गया। उसने प्रियंका के शादी से मना करने पर तेजाब उसके ऊपर डाल दिया। इस घटना के बाद पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया। प्रियंका का इलाज उर्सला और लखनऊ के केजीएमयू में हुआ। एडीजीसी ओमेंद्र दीक्षित ने बताया कि 14 सितंबर 2022 को कोर्ट में आरोप तय हुए थे। अभियोजन पक्ष ने पीड़िता और उसके पिता सहित सात गवाहों को पेश किया।


आरोप तय होने के बाद, सबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत ने अजय को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि पीड़िता ने न केवल अपनी चोटों को सहन किया, बल्कि न्यायालय में गवाही देकर अपनी कहानी भी सुनाई। इस घटना का प्रभाव पीड़िता को जीवनभर उठाना होगा, इसलिए अजय को 30 साल की कठोर सजा देना ही न्याय की सच्ची भावना को दर्शाता है।