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काजीरंगा के पास NH-715 का विस्तार: विकास और संरक्षण का संगम

केंद्र सरकार ने असम में NH-715 के कालिबोर-नुमालिगढ़ खंड के विस्तार को मंजूरी दी है, जिसमें वन्यजीवों के लिए सुरक्षित मार्ग बनाने के उपाय शामिल हैं। यह परियोजना 85.675 किलोमीटर लंबी होगी और 6,957 करोड़ रुपये की लागत से लागू की जाएगी। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस परियोजना को विकास और संरक्षण के बीच सामंजस्य का एक मॉडल बताया है। जानें इस परियोजना के अन्य लाभ और महत्व के बारे में।
 

केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय


नई दिल्ली, 1 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को असम में NH-715 के कालिबोर-नुमालिगढ़ खंड के विस्तार और सुधार को मंजूरी दी। इस परियोजना में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पास वन्यजीवों के अनुकूल उपाय शामिल हैं।


परियोजना का विवरण

कैबिनेट के एक बयान के अनुसार, यह 85.675 किलोमीटर लंबी परियोजना इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) मोड में 6,957 करोड़ रुपये की लागत से लागू की जाएगी। इससे लगभग 15.42 लाख प्रत्यक्ष और 19.19 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है, जो क्षेत्र में विकास और समृद्धि के नए रास्ते खोलेगा।


मुख्यमंत्री का बयान

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर केंद्र का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह परियोजना, जिसमें काजीरंगा के माध्यम से 34 किलोमीटर का ऊंचा गलियारा शामिल है, न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी बल्कि विकास और संरक्षण के बीच सामंजस्य का एक मॉडल भी बनेगी।"


सड़क की वर्तमान स्थिति

वर्तमान में, कालिबोर-नुमालिगढ़ खंड NH-715 (पुराना NH-37) एक दो-लेन की सड़क है, जो जखलाबंधा (नागौन) और बोकाखाट (गोलाघाट) जैसे घनी बस्तियों से गुजरती है।


इस राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरता है या इसके दक्षिणी सीमा के साथ चलता है, जिसमें सीमित अधिकार क्षेत्र (ROW) (16 से 32 मीटर) है, जो खराब भूगोल के कारण और भी जटिल हो जाता है।


परियोजना के लाभ

मानसून के दौरान, काजीरंगा में बाढ़ वन्यजीवों को ऊंचे करबी-आंगलोंग पहाड़ियों की ओर जाने के लिए मजबूर करती है, जिससे वे राजमार्ग को पार करते हैं। इस राजमार्ग पर भारी ट्रैफिक के कारण अक्सर दुर्घटनाएं और वन्यजीवों की मौत होती है।


इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, परियोजना में लगभग 34.5 किलोमीटर का ऊंचा गलियारा बनाने का प्रस्ताव है, जो काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से करबी-आंगलोंग पहाड़ियों तक वन्यजीवों के लिए निर्बाध मार्ग सुनिश्चित करेगा।


आर्थिक विकास में योगदान

यह परियोजना गुवाहाटी (राज्य की राजधानी), काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (पर्यटन स्थल) और नुमालिगढ़ (औद्योगिक नगर) के बीच सीधी कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी।


नई परियोजना की योजना दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों (NH-127, NH-129) और एक राज्य राजमार्ग (SH-35) के साथ एकीकृत होगी, जिससे असम के प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक्स नोड्स के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।


परियोजना का समापन

अपग्रेडेड गलियारा तीन रेलवे स्टेशनों (नागौन, जखलाबंधा, विश्वनाथ चार्ली) और तीन हवाई अड्डों (तेजपुर, लियाबाड़ी, जोरहाट) से भी जुड़ेगा, जिससे क्षेत्र में सामान और यात्रियों की गति में तेजी आएगी।


एक बार पूरा होने पर, कालिबोर-नुमालिगढ़ खंड क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, प्रमुख पर्यटन, औद्योगिक और आर्थिक केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।