कांग्रेस सांसद ने ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए गंभीर सवाल
सदन में उठे विवादास्पद मुद्दे
कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रंप को चुप कराना चाहिए या फिर भारत में मैकडॉनल्ड्स को बंद करना होगा। उन्होंने लोकसभा में यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक बड़ी रणनीतिक गलती तब हुई जब विदेश मंत्री ने यह कहा कि हम सैन्य या नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना नहीं बना रहे हैं। हुड्डा ने इस बयान को सरकार द्वारा पाकिस्तानी सेना और सरकार को क्लीन चिट देने के रूप में देखा।
पाकिस्तान के प्रति सरकार की नीति पर सवाल
हुड्डा ने आगे कहा कि आपने बार-बार कहा है कि पाकिस्तान की सरकार, सेना और आतंकवादियों में कोई अंतर नहीं है। फिर भी, केवल आतंकी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने की घोषणा करके, सरकार ने दुनिया को एक अलग संदेश दिया। यह एक ऐतिहासिक गलती थी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में हमारी सेना ने अद्भुत प्रदर्शन किया, लेकिन जब हम पाकिस्तान पर हावी थे, तब युद्धविराम की घोषणा कर दी गई। देश चाहता था कि पाकिस्तान को उसी तरह का जवाब दिया जाए जैसा 1971 में इंदिरा गांधी ने दिया था।
अमेरिका के हस्तक्षेप पर चिंता
हुड्डा ने कहा कि जब पाकिस्तान कमजोर था, तब अमेरिका के एक ट्वीट ने युद्धविराम की घोषणा कर दी। उन्होंने सरकार से पूछा कि युद्धविराम की क्या शर्तें थीं। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप ने 28 बार कहा है कि उन्होंने व्यापार की धमकी देकर युद्धविराम करवाया। ट्रंप ने भारत के जहाज गिरने और कश्मीर मुद्दे का भी जिक्र किया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार भी उनकी बातों का खंडन नहीं किया।
सरकार को स्पष्ट दिशा चुनने की आवश्यकता
कांग्रेस सांसद ने कहा कि अमेरिका, भारत के साथ पाकिस्तान की बराबरी नहीं कर सकता। इसलिए सरकार को एक स्पष्ट रास्ता चुनना होगा: या तो हाथ मिलाना या आंख दिखाना। उन्होंने कहा कि सरकार को या तो डोनाल्ड ट्रंप को जवाब देना चाहिए या फिर भारत में मैकडॉनल्ड्स को बंद करना चाहिए। ये दोनों चीजें एक साथ नहीं चल सकतीं। उन्होंने पहलगाम हमले के बाद सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति की भी आलोचना की.