कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने चीन के दावों पर उठाए सवाल
चीन के विदेश मंत्री के दावे पर कांग्रेस का तीखा हमला
कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के दावे पर केंद्र सरकार पर कड़ा हमला किया। उन्होंने इसे नई दिल्ली की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ "मजाक" करार दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार यह कहने के बाद कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को टाला, चीन ने भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तनाव कम करने में अपनी भूमिका का दावा किया।
रमेश ने एक पोस्ट में चीन के इस दावे पर चिंता व्यक्त की, यह देखते हुए कि बीजिंग के पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ रक्षा संबंध हैं और वह इस्लामाबाद को हथियारों की आपूर्ति करता है।
ट्रंप के दावों पर कांग्रेस का सवाल
कांग्रेस नेता ने लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप लंबे समय से यह दावा करते आ रहे हैं कि उन्होंने 10 मई, 2025 को ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया था। उन्होंने विभिन्न मंचों पर 65 बार ऐसा कहा है। प्रधानमंत्री ने इन दावों पर कभी प्रतिक्रिया नहीं दी। अब चीनी विदेश मंत्री ने भी इसी तरह का दावा किया है। 4 जुलाई, 2025 को सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत वास्तव में चीन का सामना कर रहा था।
रमेश ने कहा कि चीन के पाकिस्तान के साथ संबंधों को देखते हुए, भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के चीनी दावे चिंताजनक हैं। यह न केवल हमारे देश के लोगों को दिए गए विश्वास के विपरीत है, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का मजाक उड़ाने जैसा प्रतीत होता है।
प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप
इसके अलावा, रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने चीन की शर्तों पर बातचीत की है। उन्होंने केंद्र से चीनी विदेश मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण की मांग की। उन्होंने कहा कि यह दावा चीन के साथ हमारे संबंधों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है।
रमेश ने कहा कि 19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा चीन को क्लीन चिट देने से भारत की वार्तात्मक स्थिति कमजोर हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि हमारा व्यापार घाटा रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और अधिकांश निर्यात चीन से आयात पर निर्भर हैं। अरुणाचल प्रदेश के संबंध में चीन की उकसाने वाली कार्रवाइयां लगातार जारी हैं। ऐसे में, भारत की जनता को यह स्पष्टता चाहिए कि ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोकने में चीन की क्या भूमिका थी।