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कांग्रेस में दिग्विजय सिंह के समर्थन में शशि थरूर का बयान

कांग्रेस में दिग्विजय सिंह द्वारा आरएसएस की कार्यशैली की प्रशंसा के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। शशि थरूर ने सिंह का समर्थन करते हुए पार्टी में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है। थरूर ने संगठन को मजबूत करने की बात की और अनुशासन की कमी पर भी चिंता जताई। इस विवाद का आरंभ एक पुरानी तस्वीर साझा करने से हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को दिखाया गया था। कांग्रेस के भीतर इस मुद्दे पर विभिन्न नेताओं की राय बंटी हुई है।
 

कांग्रेस में चल रहा विवाद

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा आरएसएस की कार्यशैली की प्रशंसा करने के बाद से विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब पार्टी के एक और प्रमुख नेता और सांसद शशि थरूर ने दिग्विजय सिंह का समर्थन किया है। थरूर ने न केवल सिंह का बचाव किया, बल्कि कांग्रेस में सुधारों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।


'संगठन को मजबूत करने की आवश्यकता'

कांग्रेस के 140वें स्थापना दिवस पर मीडिया से बातचीत करते हुए शशि थरूर ने कहा कि दिग्विजय सिंह और उनके बीच संवाद होना स्वाभाविक है, क्योंकि वे अच्छे मित्र हैं। थरूर ने सिंह की उस मांग का समर्थन किया जिसमें उन्होंने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की बात की थी।


थरूर ने पत्रकारों से कहा, 'संगठन को मजबूत किया जाना चाहिए, इसमें कोई संदेह नहीं है। हमारा 140 साल का गौरवशाली इतिहास है और हम इससे बहुत कुछ सीख सकते हैं।' उन्होंने पार्टी के भीतर अनुशासन की कमी पर भी ध्यान दिलाया और कहा कि किसी भी संस्था के लिए लॉजिक और अनुशासन अत्यंत आवश्यक हैं।


विवाद का कारण

यह विवाद तब शुरू हुआ जब दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर साझा की, जिसमें वे लालकृष्ण आडवाणी के पास जमीन पर बैठे हैं। सिंह ने इस पोस्ट के माध्यम से यह संदेश दिया कि बीजेपी-आरएसएस में एक साधारण कार्यकर्ता भी प्रधानमंत्री बन सकता है।


हालांकि, सिंह ने बाद में स्पष्ट किया कि वे आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ हैं, लेकिन उनके इस बयान ने कांग्रेस के भीतर नई बहस को जन्म दिया है। खड़गे, पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत जैसे नेताओं ने सिंह के विचारों से असहमति जताई है, जबकि थरूर और सलमान खुर्शीद जैसे नेता उनके विश्लेषण को संगठन के लिए एक सीख मानते हैं।