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कांग्रेस नेताओं ने केरल में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर उठाए सवाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के समर्थन की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के अलावा सभी लोग इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। बिहार में भी इस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर ने कहा कि पार्टी सुनिश्चित करेगी कि कोई भी योग्य मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और कांग्रेस का क्या कहना है।
 

केसी वेणुगोपाल की आलोचना

वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के समर्थन की आलोचना की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विजयन को छोड़कर, सभी लोग एसआईआर का विरोध कर रहे हैं।


बिहार में एसआईआर पर कांग्रेस की स्थिति

बिहार में एसआईआर को लेकर उठे विवाद के बीच, कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर ने बुधवार को कहा कि पार्टी जनता के बीच जाएगी और सुनिश्चित करेगी कि कोई भी योग्य मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे। मीर ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस एसआईआर के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसके अचानक लागू होने का विरोध कर रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि चुनाव आयोग एसआईआर लागू करना चाहता था, तो इसे लोकसभा चुनावों के तुरंत बाद पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए था।


कांग्रेस का चुनाव आयोग को सुझाव

कांग्रेस नेता ने एएनआई से बातचीत में कहा, "कांग्रेस एसआईआर के खिलाफ नहीं है। चुनाव आयोग को इसे लोकसभा चुनावों के बाद पूरे देश में लागू करना चाहिए था, और लोगों को अपने दस्तावेज़ तैयार करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए था। हम इस मुद्दे पर जनता के बीच जाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति अपना वोट देने का अधिकार न खोए।" इससे पहले, कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने पटना में एक बैठक के दौरान भाजपा सरकार पर लोकतांत्रिक संस्थाओं और संवैधानिक मूल्यों को खत्म करने का आरोप लगाया।