×

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी की राजनाथ सिंह की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सिंध से संबंधित टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यदि आरएसएस का नेतृत्व यह दावा करता है कि पड़ोसी देश कभी भारत का हिस्सा थे, तो यह चर्चा केवल सिंध तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। अल्वी ने भाजपा पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया और कहा कि इस तरह की टिप्पणियाँ क्षेत्र में तनाव बढ़ाती हैं। जानें इस राजनीतिक बहस के पीछे की पूरी कहानी।
 

राजनाथ सिंह की टिप्पणी पर अल्वी की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी ने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सिंध से संबंधित हालिया टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नेतृत्व यह दावा करता है कि पड़ोसी देश कभी भारत का हिस्सा थे, तो यह चर्चा केवल सिंध तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।


अल्वी ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा, "सिर्फ सिंध ही क्यों? पूरे पाकिस्तान को ही लीजिए। जब आरएसएस प्रमुख बार-बार यह कहते हैं कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान भारत का हिस्सा थे, तो फिर हम केवल सिंध की बात क्यों करें? सेना को तैनात कीजिए और पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश को भारत में शामिल कीजिए।"


राजनाथ सिंह की टिप्पणी के बाद राजनीतिक बहस

अल्वी की यह प्रतिक्रिया रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी के एक दिन बाद आई है, जिसने राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। कई विपक्षी नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। कांग्रेस नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगियों पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया, जो राष्ट्रीय मुद्दों से ध्यान भटकाते हैं।


उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियाँ क्षेत्र में तनाव बढ़ाती हैं और जनता को गुमराह करती हैं। आर्थिक चुनौतियों, बेरोजगारी और मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, सत्तारूढ़ दल भावनाओं को भड़काने वाले मुद्दे उठाता रहता है।


राजनाथ सिंह का बयान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के एक कथन का हवाला देते हुए कहा कि सीमा बदल सकती है और कौन जानता है, कल सिंध फिर से भारत में वापस आ जाए। सिंधी लोगों की मातृभूमि के रूप में जाना जाने वाला सिंध क्षेत्र, भारत की सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का केंद्र भी था। 1947 में विभाजन के साथ यह क्षेत्र पाकिस्तान का हिस्सा बन गया।