कांग्रेस नेता ने महाराष्ट्र सुरक्षा विधेयक की की कड़ी आलोचना
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने हाल ही में महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक की आलोचना की है। उन्होंने इसे 1919 के रौलेट एक्ट के समान बताया और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तुलना औरंगजेब से की। सपकाल का कहना है कि यह विधेयक लोकतंत्र पर हमला है और वे इसका विरोध करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने भाषा विवाद पर भी भाजपा और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया। जानें इस विवाद के पीछे की राजनीति और सपकाल के विचार।
Jul 8, 2025, 15:49 IST
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने हाल ही में महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक की तीखी आलोचना की। उन्होंने इसे 'रौलेट एक्ट 1919' के समकक्ष बताया और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तुलना औरंगजेब से की। एएनआई से बातचीत में, सपकाल ने कहा कि राज्य सरकार इस विधेयक को जल्द लागू करने की योजना बना रही है। उनका कहना है कि फडणवीस की गतिविधियाँ औरंगजेब जैसी क्रूरता को दर्शाती हैं, और उनका तानाशाही रवैया ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के समान है।
सपकाल ने यह भी कहा कि शहरी नक्सलियों का कोई अस्तित्व नहीं है। उन्होंने आरएसएस और भाजपा पर विकास में बाधा डालने का आरोप लगाया और इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इस विधेयक का विरोध करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर भी टिप्पणी की, जिसमें भाजपा और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि सभी भाषाओं में सामंजस्य होना चाहिए, लेकिन भाजपा को विविधता से समस्या है।
सपकाल ने कहा, "भाषा विवाद को लेकर कुछ शक्तियाँ ध्रुवीकरण करना चाहती हैं, यही कारण है कि यह मुद्दा बढ़ गया है। वे एक भाषा, एक पोशाक, एक राष्ट्र और एक चुनाव की वकालत क्यों कर रहे हैं? यह हिंदी और मराठी के बीच संघर्ष को बढ़ावा देने का प्रयास है और इसके पीछे एक छिपा हुआ राजनीतिक एजेंडा है।" आपको बता दें कि महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक (MSPS विधेयक) का उद्देश्य शहरी नक्सलवाद से निपटना है और यह राज्य सरकार को संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने की शक्ति प्रदान करता है।