कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की शेख हसीना को मौत की सजा पर चिंता
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को दी गई मौत की सजा पर चिंता जताई है। उन्होंने इसे भारत के लिए एक गंभीर चेतावनी बताया और हसीना की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। बांग्लादेश ने भारत से हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल के प्रत्यर्पण की मांग की है। जानें इस मामले में क्या है अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण का फैसला और भारत की भूमिका।
Nov 18, 2025, 11:48 IST
शेख हसीना को मिली मौत की सजा पर अभिषेक मनु सिंघवी की प्रतिक्रिया
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को दी गई मौत की सजा पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे एक गंभीर चेतावनी बताया और भारत को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सिंघवी ने पूर्व अफगान राष्ट्रपति नजीबुल्लाह के मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि शेख हसीना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी रही हैं, और हमें उनसे मुंह नहीं मोड़ना चाहिए।
बांग्लादेश का प्रत्यर्पण अनुरोध
78 वर्षीय शेख हसीना पर उनके अनुपस्थित रहने के दौरान मुकदमा चलाया गया, क्योंकि वे जुलाई 2024 में सत्ता से बेदखल होने के बाद से भारत में निर्वासित हैं। उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मृत्युदंड दिया गया है। इस बीच, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत से हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को तुरंत प्रत्यर्पित करने की मांग की है। बांग्लादेश का कहना है कि प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत को ऐसा करना अनिवार्य है।
अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण का फैसला
अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और असदुज्जमां खान कमाल को जल्लाही हत्याकांड में दोषी ठहराया है। यदि कोई देश इन दोषियों को शरण देता है, तो यह न्याय के प्रति अवहेलनापूर्ण होगा। हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह इन दोनों को बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंप दे, क्योंकि यह भारत का एक अनिवार्य कर्तव्य है।