कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मतुआ समुदाय के लिए नागरिकता की मांग की
मतुआ समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए पत्र
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत दस्तावेज़ी आवश्यकताओं से छूट देने की मांग की है। इसके साथ ही, उन्होंने उनकी वैध नागरिकता को मान्यता देने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की अपील की। चौधरी ने गुरुवार को ठाकुरनगर में अनशन स्थल का दौरा किया, जहां उन्होंने अनशन पर बैठे समुदाय के सदस्यों से बातचीत की। इस दौरान, उन्होंने उनके दर्द और भविष्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और आश्वासन दिया कि वह उनके न्याय के संघर्ष में पूरी तरह से उनके साथ खड़े रहेंगे।
मतुआ समुदाय का ऐतिहासिक संदर्भ
चौधरी ने पत्र में उल्लेख किया कि मतुआ समुदाय, जो पूर्वी पाकिस्तान से उत्पीड़न और विस्थापन के कारण भारत आया था, तब से देश के सामाजिक और लोकतांत्रिक ताने-बाने का हिस्सा बन चुका है। उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की अंतिम तिथि को 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ाने के सरकार के निर्णय का जिक्र करते हुए कहा कि मतुआ समुदाय के लिए भी इसी तरह का मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र से पहले उनके नागरिकता सुनिश्चित करने और चुनावों में उनके मताधिकार की रक्षा के लिए एक अध्यादेश लाने की मांग की।
मताधिकार खोने का खतरा
चौधरी ने यह भी चिंता व्यक्त की कि यह समुदाय, जिसने दशकों से चुनावों में भाग लिया है और प्रतिनिधि चुने हैं, अब अपने मताधिकार को खोने के खतरे का सामना कर रहा है। उनका कहना है कि यह अन्यायपूर्ण है कि वे लगभग 25 साल पुराने दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं।