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कांग्रेस ने संसद सत्र में मोदी से जवाबदेही की मांग की

कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाबदेही की मांग की है। विपक्ष ने पहलगाम आतंकवादी हमले और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने का निर्णय लिया है। रमेश ने प्रधानमंत्री की संसद में अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। इस सत्र में कई मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की योजना बनाई गई है, जिससे मणिपुर की जनता को निराशा का सामना करना पड़ सकता है।
 

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पारंपरिक संबोधन से पहले कहा कि जब विपक्ष पहलगाम आतंकवादी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों का मुद्दा उठाए, तो प्रधानमंत्री को सदन में उपस्थित रहना चाहिए।


यह सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसमें कुल 21 बैठकें 21 अगस्त तक प्रस्तावित हैं।


रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा कि प्रधानमंत्री संसद भवन के बाहर अपने परिचित अंदाज में मीडिया के सामने देश को संदेश देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हर बार की तरह, इस बार भी वही पुरानी बातें दोहराई जाएंगी।


प्रधानमंत्री की संसद में अनुपस्थिति पर सवाल

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी संसद में बहुत कम दिखाई देते हैं। वह साल में केवल एक बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान बोलते हैं। लेकिन इस बार जब पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रपति ट्रंप से जुड़े मुद्दे चर्चा में आएंगे, तो उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।


रमेश ने प्रधानमंत्री के ब्रिटेन और मालदीव के प्रस्तावित दौरे का जिक्र करते हुए कटाक्ष किया कि 48 घंटे बाद यह 'सुपर प्रीमियम फ्रीक्वेंट फ्लायर' प्रधानमंत्री एक और विदेशी दौरे पर निकल जाएंगे।


विपक्षी गठबंधन की रणनीति

मणिपुर की जनता के लिए निराश होने का एक और कारण होगा। कांग्रेस और विपक्षी इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के 23 अन्य घटक दलों ने तय किया है कि वे पहलगाम आतंकवादी हमले, ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोके जाने, ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों, बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कई अन्य मुद्दों को इस सत्र में प्रमुखता से उठाएंगे।