×

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर कर्ज के बोझ को लेकर साधा निशाना

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर व्यक्तिगत कर्ज में वृद्धि और अर्थव्यवस्था की चिंताजनक स्थिति को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले ग्यारह वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है और आम जनता को केवल कर्ज के बोझ में डाल दिया है। उन्होंने बताया कि प्रति व्यक्ति कर्ज ₹4.8 लाख तक पहुंच गया है और आमदनी का एक बड़ा हिस्सा कर्ज चुकाने में जा रहा है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला

कांग्रेस ने बुधवार को व्यक्तिगत कर्ज में वृद्धि के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार आंकड़ों और विशेषज्ञों का सहारा लेकर असली समस्याओं को छिपाने का प्रयास कर रही है, जबकि 'मोदी राज' में देश पर कर्ज का बोझ अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मीडिया रिपोर्टों के स्क्रीनशॉट साझा करते हुए सरकार पर हमला किया।


आर्थिक स्थिति पर चिंता

जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि मोदी सरकार ने पिछले ग्यारह वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, बल्कि नीतियां केवल पूंजीपतियों के हित में बनाई गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप आम जनता को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह भारत की अर्थव्यवस्था की चिंताजनक स्थिति को दर्शाती है।


कर्ज की बढ़ती समस्या

कांग्रेस नेता ने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में प्रति व्यक्ति कर्ज ₹90,000 बढ़कर ₹4.8 लाख हो गया है। उन्होंने कहा कि आमदनी का 25.7% हिस्सा केवल कर्ज चुकाने में खर्च हो रहा है। सबसे अधिक 55% लोन क्रेडिट कार्ड और मोबाइल EMI जैसे साधनों के लिए जा रहा है, जिससे परिवारों की आय में कमी आ रही है और वे कर्ज लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं। असुरक्षित कर्ज 25% से अधिक हो चुका है। रमेश ने यह भी बताया कि मार्च 2025 तक भारत पर बाहरी कर्ज 736.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है।


युवाओं और किसानों की स्थिति

रमेश ने कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, और महंगाई से जनता परेशान है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी जी के करीबी मित्रों की संपत्ति बढ़ रही है, जबकि आम जनता कर्ज में डूब रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सभी सरकारी प्रोजेक्ट्स पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत हो रहे हैं, तो देश पर कर्ज क्यों बढ़ रहा है।