कांग्रेस ने बिहार चुनाव में 'वोट चोरी' के आरोप लगाए
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस पार्टी ने बिहार चुनाव को लेकर अपने 'वोट चोरी' के आरोपों को फिर से उठाया है। महागठबंधन की हार के एक दिन बाद, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। पार्टी ने एक बयान में कहा कि मोदी और अमित शाह के निर्देश पर चुनाव आयोग ने बिहार में 69 लाख वोट हटा दिए, जिनमें से अधिकांश विपक्षी मतदाताओं के थे। यह स्पष्ट रूप से 'वोट चोरी' का मामला है।
BJP पर गंभीर आरोप
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पूरे देश ने देखा कि कैसे बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता विभिन्न राज्यों में वोट डालने के बाद भी बिहार में वोटिंग में शामिल हुए। पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने विशेष ट्रेनें चलाकर लोगों को बिहार भेजा, ताकि वे बीजेपी को वोट दे सकें।
वोटरों की संख्या में वृद्धि
कांग्रेस ने यह भी बताया कि चुनाव की घोषणा के दिन, 6 अक्टूबर को, बिहार में 7.42 करोड़ वोटर थे, लेकिन वोटिंग के बाद, 11 नवंबर को यह संख्या बढ़कर 7.45 करोड़ हो गई। पार्टी ने सवाल उठाया कि अचानक 3 लाख वोटर कैसे बढ़ गए। रिपोर्टर्स कलेक्टिव ने बिहार में 1.32 करोड़ संदिग्ध वोटरों की पहचान की है।
फर्जी वोटरों का मामला
कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट एंट्री पकड़ने वाले सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं किया, जिसके कारण 14.35 लाख फर्जी वोटर जुड़ गए। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि आचार संहिता लागू होने के बावजूद, मोदी-नीतीश सरकार ने महिलाओं को पैसे भेजना जारी रखा।
चुनाव प्रक्रिया पर सवाल
अजय माकन ने कहा कि देश में चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। बिहार चुनाव में बीजेपी का स्ट्राइक रेट 90% से अधिक रहा, जो अप्रत्याशित था। उन्होंने कहा कि यह गड़बड़ी की ओर इशारा करता है और इसकी जांच होनी चाहिए।