कांग्रेस की सत्ता में वापसी पर आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा है कि यदि कांग्रेस केंद्र में लौटती है, तो वह आरएसएस पर प्रतिबंध लगाएगी। उन्होंने आरएसएस पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया और ऐतिहासिक उदाहरणों का हवाला दिया। भाजपा नेताओं ने खड़गे के इस बयान की तीखी आलोचना की है, चेतावनी देते हुए कि इससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। जानें इस विवादास्पद बयान के पीछे की कहानी और भाजपा की प्रतिक्रिया।
Jul 2, 2025, 12:41 IST
प्रियांक खड़गे का विवादास्पद बयान
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा है कि यदि कांग्रेस केंद्र में वापस आती है, तो वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लेगी। खड़गे ने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस समाज में नफरत फैलाने का कार्य कर रहा है और यह कानून के दायरे में नहीं चलता। उन्होंने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि सरदार पटेल और इंदिरा गांधी ने भी आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था।
खड़गे ने आगे कहा कि आरएसएस केवल कानून का पालन करने का दिखावा कर रहा है और उनके 250 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के स्रोत की जांच होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा का कार्य कानून बनाना है और वे संविधान के दायरे से बाहर जाकर कार्य नहीं कर सकते। इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने खड़गे पर तीखा हमला किया।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने खड़गे को ऐतिहासिक रूप से अज्ञानी और राजनीतिक रूप से भड़काऊ बताया, यह चेतावनी देते हुए कि इस तरह की बयानबाजी कांग्रेस के लिए नकारात्मक परिणाम ला सकती है, जैसा कि इंदिरा गांधी के समय में हुआ था। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इंदिरा गांधी के आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास का परिणाम उलटा पड़ा था।
प्रसाद ने कहा, "जब इंदिरा गांधी ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की, तो उन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा। आज, आरएसएस दुनिया के सबसे बड़े राष्ट्रवादी संगठनों में से एक है।" इसी तरह, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने खड़गे पर बिना सीखे इतिहास को दोहराने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि कांग्रेस का भी वही हश्र होगा।