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कांग्रेस अध्यक्ष ने रेलवे किराया वृद्धि पर मोदी सरकार की आलोचना की

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा रेलवे किराए में वृद्धि के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार आम जनता पर बोझ डाल रही है और रेलवे की बिगड़ती स्थिति को सुधारने के बजाय प्रचार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। खरगे ने यात्री सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला दिया, जिसमें रेल दुर्घटनाओं में 21 लाख मौतें दर्ज की गई हैं। इसके अलावा, उन्होंने वित्तीय कुप्रबंधन और वंदे भारत ट्रेनों की औसत गति पर भी सवाल उठाए।
 

कांग्रेस अध्यक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में रेल किराए में वृद्धि के निर्णय पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर आरोप लगाया कि यह आम जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है। खरगे ने कहा कि रेलवे इस समय उपेक्षा और झूठे प्रचार का शिकार हो रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट में यह भी कहा कि अलग रेलवे बजट समाप्त होने के बाद से रेलवे में जवाबदेही में कमी आई है।


खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार रेलवे की बिगड़ती स्थिति को सुधारने के बजाय केवल प्रचार पर ध्यान केंद्रित कर रही है।


यात्री सुरक्षा पर चिंता

खरगे ने अपनी पोस्ट में यह भी उल्लेख किया कि मोदी सरकार आम जनता को लूटने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही है। केंद्रीय बजट के कुछ ही दिन पहले रेलवे किराया दूसरी बार बढ़ाया गया है। उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2014 से 2023 के बीच रेल दुर्घटनाओं में 21 लाख लोगों की जान गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रेल यात्रा अब असुरक्षित हो गई है।


कांग्रेस अध्यक्ष ने कवच सुरक्षा प्रणाली की आलोचना करते हुए कहा कि यह केवल 3 प्रतिशत रेलवे मार्गों और 1 प्रतिशत इंजनों को ही कवर करती है।


वित्तीय कुप्रबंधन के आरोप

खरगे ने वित्तीय कुप्रबंधन का भी आरोप लगाया और सीएजी के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि रेलवे को 2,604 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायतें वापस ले ली गई हैं, जिससे बुजुर्ग यात्रियों से 8,913 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है।


उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों की औसत गति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ये ट्रेनें 76 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं, जबकि दावा 160 किमी प्रति घंटे का किया गया था।