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कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्रंप के एच-1बी वीजा शुल्क पर जताई नाराजगी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा पर एक लाख डॉलर का वार्षिक शुल्क लगाने के निर्णय पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे भारतीय तकनीकी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका बताया है, क्योंकि 70 प्रतिशत से अधिक एच-1बी धारक भारतीय हैं। खरगे ने इस कदम को ट्रंप प्रशासन का जन्मदिन का उपहार करार दिया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और इसका भारतीय तकनीकी क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
 

एच-1बी वीजा पर शुल्क वृद्धि पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया


नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा पर एक लाख डॉलर (लगभग 90 लाख रुपये) का वार्षिक शुल्क लगाने के निर्णय पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। खरगे ने सोशल मीडिया पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन पर मिले उपहारों से भारतीय नागरिकों में निराशा है। उन्होंने इसे ट्रंप प्रशासन का जन्मदिन का उपहार बताया।


खरगे ने बताया कि एच-1बी वीजा पर एक लाख डॉलर का शुल्क भारतीय तकनीकी पेशेवरों पर सबसे अधिक प्रभाव डालेगा, क्योंकि 70 प्रतिशत से अधिक एच-1बी वीजा धारक भारतीय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पहले से ही 50 प्रतिशत टैरिफ लागू हो चुका है, जिससे भारत को 2.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त, भारतीय आउटसोर्सिंग को लक्षित करने वाला एचआईआरई अधिनियम, चाबहार बंदरगाह से छूट हटाना, और यूरोपीय संघ से भारतीय वस्तुओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का आह्वान भी शामिल है।


यह ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप प्रशासन ने 19 सितंबर को एच-1बी वीजा आवेदनों पर वार्षिक एक लाख डॉलर की अतिरिक्त फीस लगाने की घोषणा की है। यह कदम अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है, जहां भारत सबसे बड़ा लाभार्थी है। 2025 की पहली छमाही में अमेजन को 12,000 से अधिक एच-1बी वीजा स्वीकृत हुए, जबकि माइक्रोसॉफ्ट और मेटा को 5,000 से अधिक मिले। वर्तमान में वीजा रजिस्ट्रेशन फीस 215 डॉलर और अन्य शुल्क मिलाकर कुछ हजार डॉलर तक हैं।