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कश्मीर में बादल फटने से 60 लोगों की मौत, लापता व्यक्तियों की खोज जारी

कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में 14 अगस्त को आई भीषण बाढ़ के कारण 60 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि लापता व्यक्तियों की संख्या का आकलन किया जा रहा है। बचाव कार्य में सेना, एनडीआरएफ, और स्थानीय प्रशासन जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने सहायता का आश्वासन दिया है। भाजपा नेता सुनील कुमार शर्मा ने मलबा साफ करने और लापता व्यक्तियों की खोज को सबसे बड़ी चुनौती बताया। जानें इस आपदा के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

कश्मीर में आपदा का मंजर

जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को बताया कि किश्तवाड़ जिले के चाशोती गांव में 14 अगस्त को आई भीषण बाढ़ के बाद लगभग 60 शव बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लापता व्यक्तियों की संख्या अभी भी निर्धारित की जा रही है।


बचाव और राहत कार्य जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव और राहत कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।


उमर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, "लगभग 60 शव मिल चुके हैं। लापता व्यक्तियों की संख्या का आकलन किया जा रहा है। जब बचाव और राहत कार्य समाप्त होगा, तब हम यह जांच करेंगे कि क्या प्रशासन ने कोई पूर्ववर्ती कदम उठाए थे, जब मौसम विभाग ने चेतावनी दी थी और लोगों को बाहर न निकलने की सलाह दी थी।"


प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आश्वासन

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे बात की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।


चुनौतियों का सामना

भाजपा नेता सुनील कुमार शर्मा, जो विपक्ष के नेता हैं, ने आगे की चुनौतियों पर प्रकाश डाला।


"हमारी सबसे बड़ी चुनौती मलबे को साफ करना और उन लोगों को खोजना है जो बह गए और लापता हैं।" शर्मा ने कहा कि जब यह आपदा आई, तब लगभग 300 लोग लंगर में थे।


उन्होंने कहा कि बचाव दल शनिवार को मलबा साफ करने और फंसे हुए व्यक्तियों की खोज करने का प्रयास करेंगे।


आवश्यक सेवाओं की बहाली

उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुएं, पानी और बिजली बहाल कर दी गई हैं, और गृह मंत्री अमित शाह व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।


सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन

भारतीय सेना ने जम्मू और कश्मीर पुलिस, नागरिक प्रशासन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ मिलकर चाशोती गांव में बादल फटने के बाद व्यापक खोज और बचाव अभियान शुरू किया।