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कश्मीर में आतंकी गतिविधियों का खतरा: सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, आतंकवादी फिर से कश्मीर में हमले की योजना बना रहे हैं। लश्कर और जैश की इकाइयां LOC के रास्ते घुसपैठ कर रही हैं। शमशेर की यूनिट ड्रोन का उपयोग कर संभावित हमलों की निगरानी कर रही है। हाल ही में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में आतंकियों ने नए हमलों की योजनाएं बनाई हैं। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
 

कश्मीर में आतंकी हमलों की नई साजिश

कश्मीर में हमले की योजना बना रहे आतंकवादी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल में हुए आतंकी हमले को लोग भुला नहीं पाए हैं। भारतीय सेना ने इस हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत कई आतंकियों को समाप्त किया था। लेकिन अब फिर से आतंकवादी कश्मीर में हमले की योजना बना रहे हैं। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियां इस नई जानकारी के बाद से अलर्ट हो गई हैं।

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, सितंबर के बाद से कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ, ड्रोन से निगरानी और सीमा पार से आपूर्ति में वृद्धि हुई है। लश्कर और जैश की कई इकाइयां LOC के रास्ते जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कर चुकी हैं, जिन्हें पाकिस्तान की ISI और एसएसजी का समर्थन प्राप्त है।

शमशेर की यूनिट की सक्रियता

आतंकी शमशेर की लश्कर की इकाई ने हवाई निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग किया है, जिससे संभावित फिदायीन हमलों या हथियार गिराने के संकेतों का पता लगाया जा रहा है। पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT), जिसमें पूर्व SSG सैनिक और आतंकवादी शामिल हैं, को पाक अधिकृत कश्मीर में फिर से तैनात किया गया है, जो सीमा पार हमलों की नई योजनाओं का संकेत देता है।

आतंकियों की उच्चस्तरीय बैठक

अक्टूबर 2025 में पाक अधिकृत कश्मीर में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में जमात-ए-इस्लामी, हिज़्बुल मुजाहिदीन और ISI के अधिकारी एकत्र हुए थे। इस बैठक में स्लीपर सेल को फिर से सक्रिय करने, पूर्व कमांडरों को वित्तीय सहायता देने और ऑपरेशन सिंदूर में हुए नुकसान का प्रतिशोध लेने के लिए “जवाबी हमले” की योजनाएं बनाई गईं। यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद की सबसे बड़ी गतिविधि है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को सक्रिय रहने की आवश्यकता है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।