कश्मीर घाटी में पहुंचा पहला ऑटोमोबाइल रेक, रेल संपर्क से बढ़ेगी विकास की गति
कश्मीर में नया ऑटो रेक
कश्मीर घाटी पहुंचा पहला ऑटो रेक.
कश्मीर के रेल नेटवर्क से जुड़ने के बाद, क्षेत्र में लगातार विकास की नई संभावनाएं सामने आ रही हैं। उत्तर रेलवे द्वारा भेजा गया पहला ऑटोमोबाइल रेक शुक्रवार को कश्मीर घाटी में पहुंचा। यह रेक मेसर्स मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के मानेसर स्थित गति शक्ति टर्मिनल से अनंतनाग गुड्स शेड तक पहुंचा है।
इस ऑटो ट्रेन में ब्रेज़ा, डिज़ायर, वैगन आर और एस-प्रेसो जैसी 116 से अधिक यात्री गाड़ियाँ शामिल हैं। यह ट्रेन 1 अक्टूबर को मानेसर स्थित जीसीटी प्लांट से रवाना हुई और 850 किलोमीटर की यात्रा करते हुए 3 अक्टूबर को अनंतनाग रेलवे टर्मिनल पहुंची। यात्रा के दौरान, ट्रेन चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज से गुजरी।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक के लाभ
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना ने क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत किया है। इससे लॉजिस्टिक दक्षता में वृद्धि हुई है और सड़क यातायात की भीड़भाड़ में कमी आई है। इस परियोजना के तहत, अब तक कश्मीर घाटी से 12400.9 टन सेब, 48387 टन सीमेंट, 1341 टन प्लास्टिक सामान और 716.1 टन इस्पात का परिवहन किया जा चुका है।
कश्मीर में नए कमर्शियल लॉजिस्टिक रास्ते
भारतीय रेलवे का मानना है कि ऑटोमोबाइल रेक का आगमन कश्मीर घाटी को विश्वसनीय संपर्क से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कश्मीर में औद्योगिक और कमर्शियल लॉजिस्टिक के लिए नए रास्ते खोलेगा, सड़क परिवहन पर निर्भरता को कम करेगा और आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता में सुधार करेगा। इससे कश्मीर के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार होगा और क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।