×

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हत्या के दोषी की सजा को 40 साल के कारावास में बदला

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक ठगी से जुड़े हत्या के मामले में दोषी व्यक्ति की मौत की सजा को घटाकर 40 साल के कारावास में बदल दिया है। सुनील दास पर आरोप था कि उसने एक महिला से उसकी बेटी के इलाज का झूठा वादा करके पैसे ठगे और बाद में हत्या कर दी। उच्च न्यायालय ने बलात्कार के मामले में उसे दोषी नहीं पाया, लेकिन हत्या और सबूतों को नष्ट करने के लिए उसकी सजा को बरकरार रखा। जानें इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में और अधिक जानकारी।
 

सजा में बदलाव का निर्णय

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक ठगी से संबंधित हत्या के मामले में दोषी व्यक्ति की मौत की सजा को घटाकर 40 साल की कठोर कारावास में बदल दिया।


दोषी पर आरोप था कि उसने एक महिला से उसकी बेटी के इलाज का झूठा आश्वासन देकर एक लाख रुपये ठगे और जब यह सच सामने आया, तो दोनों की हत्या कर दी।


सुनील दास, जिसे गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है, ने यज्ञ के नाम पर 83,000 रुपये लिए, लेकिन वह उस लड़की का इलाज नहीं कर सका जो आग में झुलस गई थी.


निचली अदालत का फैसला

अगस्त 2023 में, बीरभूम जिले के रामपुरहाट सत्र न्यायालय ने दास को बलात्कार, हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी पाया।


निचली अदालत ने उसे 17 मई 2020 को दो महिलाओं की हत्या के लिए मृत्युदंड, बेटी के बलात्कार के लिए आजीवन कारावास और सबूतों को नष्ट करने के लिए सात साल की सजा सुनाई थी.


उच्च न्यायालय का निर्णय

हालांकि, उच्च न्यायालय ने बलात्कार के मामले में उसे दोषी नहीं पाया, जिसके लिए निचली अदालत ने उसे दोषी ठहराया था।


न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी की खंडपीठ ने 18 सितंबर को अपने निर्णय में हत्या और साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए दास की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए मृत्युदंड को 40 साल के कठोर कारावास में बदल दिया।


अदालत का तर्क

अदालत ने कहा कि यह एक गंभीर अपराध है, लेकिन यह दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता। राज्य सरकार यह साबित नहीं कर सकी कि दोषी में सुधार की कोई संभावना नहीं है।


अदालत ने यह भी कहा कि वे इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे कि मृत्युदंड के अलावा कोई अन्य सजा अपर्याप्त होगी।