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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बैंकों को तीन भाषाओं में दस्तावेज प्रकाशित करने का निर्देश दिया

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बैंकों को आदेश दिया है कि वे अपनी शाखाओं में आवश्यक दस्तावेजों को तीन भाषाओं में प्रकाशित करें। यह निर्देश भारतीय रिजर्व बैंक के परिपत्र के पालन के संदर्भ में है। बांग्ला पोक्खो चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका के बाद अदालत ने यह कदम उठाया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और बैंकों की जिम्मेदारियों के बारे में।
 

बैंकों को भाषाई विविधता का पालन करने का आदेश

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपनी शाखाओं में आवश्यक दस्तावेजों को स्थानीय सहित तीन भाषाओं में प्रकाशित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के परिपत्र का पालन करें।


अदालत को जानकारी दी गई कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और अन्य कुछ बैंकों ने पहले ही अंग्रेजी, हिंदी और संबंधित स्थानीय भाषाओं में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।


बांग्ला पोक्खो चैरिटेबल ट्रस्ट ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें पश्चिम बंगाल में बैंकों को आरबीआई के निर्देशों का पालन करने और उनकी सभी शाखाओं में स्थानीय बांग्ला भाषा का उपयोग करने का अनुरोध किया गया था।


कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल की अध्यक्षता में एक खंडपीठ ने यह निर्देश दिया कि इस मामले की अगली सुनवाई दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी। पीठ ने यह भी कहा कि जिन बैंकों ने अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी है, उन्हें अगली तारीख से पहले रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।


आरबीआई ने 1 जुलाई 2014 को एक परिपत्र जारी किया था, जिसमें सरकारी और निजी बैंकों को ग्राहक सेवा से संबंधित दस्तावेजों को अंग्रेजी, हिंदी और स्थानीय भाषाओं में प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया था।