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कर्नाटक विधायक केसी वीरेंद्र की गिरफ्तारी: अवैध सट्टेबाजी रैकेट का खुलासा

कर्नाटक के कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र को एक अवैध सट्टेबाजी रैकेट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने 31 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें कई बड़े कैसीनो शामिल थे। जांच में दुबई से संचालित एक बड़े सट्टेबाजी नेटवर्क का खुलासा हुआ है। अधिकारियों ने ₹12 करोड़ नकद और अन्य कीमती सामान जब्त किए हैं। जानें इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की गई है और इसके पीछे की कहानी।
 

कर्नाटक विधायक की गिरफ्तारी

कर्नाटक के कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र को शनिवार को एक अवैध ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी रैकेट के मामले में गिरफ्तार किया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भारत के 31 स्थानों पर दो दिनों तक चलने वाले तलाशी अभियान के बाद यह कार्रवाई की। जांच में एक बड़े सट्टेबाजी नेटवर्क का पता चला, जिसमें दुबई से संचालित गतिविधियाँ और कई कैसीनो से जुड़े लिंक शामिल थे। 22 और 23 अगस्त को बेंगलुरु, हुबली, मुंबई, जोधपुर, गोवा और गंगटोक जैसे शहरों में छापेमारी की गई। इसके साथ ही, बिग डैडी कैसीनो, ओशन रिवर्स कैसीनो, पपीज़ कैसीनो प्राइड, ओशन 7 कैसीनो और पपीज़ कैसीनो गोल्ड पर भी छापे मारे गए। ईडी के अनुसार, वीरेंद्र किंग567 और राजा567 जैसे नामों से कई अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहा था। उसका भाई, केसी थिप्पेस्वामी, दुबई में स्थित तीन कंपनियों, डायमंड सॉफ्टेक, टीआरएस टेक्नोलॉजीज और प्राइम9 टेक्नोलॉजीज के माध्यम से इन गतिविधियों का प्रबंधन कर रहा था। ये कंपनियाँ सट्टेबाजी संचालन के लिए गेमिंग से संबंधित कॉल सेंटर सेवाएँ प्रदान करती पाई गईं।


तलाशी अभियान और जब्ती

अधिकारियों का मानना है कि दुबई में चल रही ये गतिविधियाँ अवैध धन के शोधन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन के जमावड़े का केंद्र थीं। व्यापक तलाशी के दौरान, अधिकारियों ने लगभग ₹12 करोड़ नकद, जिसमें ₹1 करोड़ की विदेशी मुद्रा भी शामिल है, जब्त की। इसके अलावा, लगभग ₹6 करोड़ मूल्य के सोने के आभूषण, 10 किलो चाँदी के बर्तन और चार महंगे वाहन भी जब्त किए गए। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 17 बैंक खातों और दो बैंक लॉकरों को भी सील कर दिया गया। वीरेंद्र के भाई के.सी. नागराज और उनके बेटे पृथ्वी एन. राज के घर से संपत्ति और वित्तीय लेन-देन से जुड़े कई दस्तावेज़ बरामद किए गए। विधायक को 23 अगस्त, 2025 को गंगटोक से गिरफ्तार किया गया, जहाँ वह कथित तौर पर अपने सहयोगियों के साथ एक ज़मीनी कैसीनो को पट्टे पर लेने की संभावनाएँ तलाशने गए थे। ईडी ने कहा कि आपत्तिजनक सबूत घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार के खिलाड़ियों से जुड़े "नकदी और धन के जटिल स्तर" की ओर इशारा करते हैं।


आगे की कार्रवाई

वीरेंद्र को गंगटोक में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहाँ ट्रांजिट रिमांड प्रदान की गई ताकि उसे आगे की कार्रवाई के लिए बेंगलुरु लाया जा सके। वीरेंद्र के अलावा, उनके भाई केसी थिप्पेस्वामी और भतीजे पृथ्वी एन राज भी ऑनलाइन सट्टेबाजी के संचालन और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय हस्तांतरण में उनकी भूमिका के लिए जांच के दायरे में हैं। जांचकर्ताओं ने पाया कि इनमें से कई संचालन दुबई से संचालित किए जा रहे थे।