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कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवकुमार की भविष्यवाणी, मंत्री ने दी जानकारी

कर्नाटक के मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की मुख्यमंत्री बनने की इच्छा की पुष्टि की है, जबकि उन्होंने नवंबर क्रांति की अटकलों को खारिज किया। खान ने कहा कि सिद्धरमैया 2028 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उसके बाद शिवकुमार पदभार संभालेंगे। इस बीच, सत्ता परिवर्तन की अटकलें बीजेपी द्वारा फैलाई जा रही हैं। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
 

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें

सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम शिवकुमार. (फाइल फोटो)

कर्नाटक के मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान ने रविवार को कहा कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं, लेकिन उन्होंने नवंबर क्रांति की अटकलों को खारिज कर दिया। उनका मानना है कि शिवकुमार 2028 में सिद्धरमैया के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद पदभार संभालेंगे।

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के ढाई साल पूरे होने वाले हैं, जिसके चलते नेतृत्व में बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं। कुछ लोग इसे नवंबर क्रांति का नाम दे रहे हैं।

सिद्धरमैया का कार्यकाल 2028 तक

आवास मंत्री खान ने संवाददाताओं से कहा कि सिद्धरमैया 2028 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। जब उनसे शिवकुमार के समर्थकों द्वारा उठाए गए नारे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है कि उनके समर्थक ऐसा चाहें।

शिवकुमार की मुख्यमंत्री बनने की इच्छा

खान ने कहा कि डिप्टी सीएम शिवकुमार ने पार्टी के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास विधानसभा में 140 सीटें हैं, जो सिद्धरमैया और शिवकुमार की मेहनत का परिणाम है।

हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सिद्धरमैया 2028 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उसके बाद शिवकुमार का समय आएगा।

सत्ता परिवर्तन की अटकलें

मंत्री खान ने कहा कि मुख्यमंत्री बदलने की अटकलें बीजेपी द्वारा फैलाई जा रही हैं और यह पार्टी के भीतर की गुटबाजी को छिपाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेस के फैसले का पालन करेंगे।

मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावना

जब उनसे मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह संभव है और इसका निर्णय आलाकमान द्वारा लिया जाएगा। मई 2023 में चुनाव परिणाम के बाद, दोनों नेताओं के बीच शीर्ष पद के लिए प्रतिस्पर्धा थी।

हालांकि, पार्टी ने कभी भी बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनने की व्यवस्था की आधिकारिक पुष्टि नहीं की।