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कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की मांग: डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की आवाज़ें उठने लगीं

कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की मांग फिर से जोर पकड़ रही है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की आवाज़ें उठने लगी हैं। वरिष्ठ नेता तनवीर सैत और विधायक सीपी योगेश्वर ने इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण का कोई समझौता है। जानें इस राजनीतिक हलचल के पीछे की पूरी कहानी।
 

कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा

कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में बदलाव की मांग फिर से उठने लगी है, खासकर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को शीर्ष पद पर बिठाने की। दो कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे को फिर से उठाया है। वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तनवीर सैत ने कहा कि पार्टी को बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि नेतृत्व स्थिर नहीं रह सकता और नए नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत बयानों को विरोध के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।


सीपी योगेश्वर का समर्थन

कांग्रेस विधायक सीपी योगेश्वर ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सभी जिला विधायक इस बात पर सहमत हैं कि डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। इस पर कोई मतभेद नहीं है और आलाकमान को इस पर निर्णय लेना चाहिए। रिपोर्टों के अनुसार, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री बुधवार रात को राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।


सुरजेवाला की प्रतिक्रिया

इस पर पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि केपीसीसी प्रमुख और उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की है। हर किसी की महत्वाकांक्षाएं हो सकती हैं, लेकिन वह इस पर और कुछ नहीं कहना चाहते। वहीं, डीके शिवकुमार ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की सलाह का पालन करते हुए पार्टी में सहयोग की अपील की, लेकिन मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।


राजनीतिक अटकलें

हाल के दिनों में, कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस में मुख्यमंत्री के संभावित बदलाव को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। इन अटकलों में सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते का जिक्र किया गया है। जब शिवकुमार से पूछा गया कि क्या वह मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर हो गए हैं, तो उन्होंने कहा, "मैं इस पर चर्चा नहीं करना चाहता। मेरा उद्देश्य राज्य का भला करना है। मल्लिकार्जुन खरगे ने हमें संदेश दिया है, आइए हम सब मिलकर काम करें।"