कर्नाटक में जाति जनगणना पर महत्वपूर्ण बैठक, भविष्य अधर में
कर्नाटक में जाति जनगणना का भविष्य आज एक महत्वपूर्ण बैठक में तय किया जाएगा। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस बैठक को बुलाया है, जिसमें उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्री शामिल होंगे। कैबिनेट चर्चाओं में जातियों के नामकरण पर आपत्तियों और सर्वेक्षण के संभावित स्थगन पर विचार किया जाएगा। क्या यह सर्वेक्षण आगे बढ़ेगा या रद्द किया जाएगा? जानें इस बैठक के परिणामों के बारे में।
Sep 19, 2025, 16:15 IST
जाति जनगणना का भविष्य
कर्नाटक में जाति जनगणना का भविष्य अनिश्चितता में है, और आज इस पर महत्वपूर्ण निर्णय की उम्मीद है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस विषय पर व्यापक असमंजस को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। यह बैठक कैबिनेट सत्र के बाद आयोजित की जा रही है, जिसमें लिंगायत नेताओं समेत कुछ मंत्रियों ने सर्वेक्षण पर सवाल उठाते हुए कड़ी आपत्ति जताई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री डीके सुकुमार और अन्य प्रमुख मंत्री शामिल होंगे, और यह तय किया जाएगा कि सर्वेक्षण को रद्द किया जाए या फिर से कराया जाए। पहले सरकार ने घोषणा की थी कि यह सर्वेक्षण 22 सितंबर से 7 अक्टूबर तक चलेगा, जिससे आज मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली बैठक की चर्चा बढ़ गई है।
कैबिनेट चर्चाओं में उठे मुद्दे
कैबिनेट चर्चाओं के दौरान, कई मंत्रियों ने कुछ जातियों के "समस्याग्रस्त नामकरण" पर आपत्ति जताई, जिसमें 'कुरुबा ईसाई', 'ब्राह्मण ईसाई' और 'वोक्कालिगा ईसाई' जैसी पहचान शामिल हैं। कुछ मंत्रियों ने चेतावनी दी कि इन वर्गीकरणों का दुरुपयोग धर्मांतरण को बढ़ावा देने या अन्य ओबीसी समुदायों के आरक्षण में हिस्सेदारी को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि हमने चर्चा की है कि कैसे कुछ लोग और भाजपा स्थिति का दुरुपयोग कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग ने कानून के दायरे में रहते हुए जनता की राय को ध्यान में रखते हुए एक सूची बनाई है। हम राय मांग रहे हैं। यह सर्वेक्षण सभी को न्याय दिलाने के लिए किया जा रहा है।
सर्वेक्षण पर विचार
कैबिनेट बैठक में वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा जैसे प्रभावशाली समुदायों की आपत्तियों पर चर्चा की गई, जिन्होंने खुद को हिंदू के बजाय एक अलग धर्म के रूप में पहचानने पर भ्रम या मतभेद व्यक्त किए हैं। कुछ मंत्रियों ने सुझाव दिया कि इन मुद्दों के स्पष्ट होने तक सर्वेक्षण को स्थगित कर दिया जाए, जबकि अन्य ने चेतावनी दी कि देरी से गलत संकेत जा सकता है।