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कर्नाटक में जाति जनगणना की समय सीमा बढ़ाई गई

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जाति जनगणना की समय सीमा को बढ़ाने की घोषणा की है। यह सर्वेक्षण अब 19 अक्टूबर तक चलेगा, जबकि पहले यह 7 अक्टूबर को समाप्त होना था। कुछ जिलों में कार्य की प्रगति संतोषजनक नहीं रही है। शिक्षा विभाग ने इस कार्य में सहायता के लिए छुट्टियों की घोषणा की है और सर्वेक्षण में भाग न लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। जानें इस सर्वेक्षण से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण विवरण और मुआवज़ा योजनाएं।
 

जाति जनगणना की नई समय सीमा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विभिन्न जिलों में कार्य में देरी के कारण चल रहे सामाजिक और शैक्षिक सर्वेक्षण, जिसे जाति जनगणना के नाम से जाना जाता है, की समय सीमा बढ़ाने की घोषणा की है। यह सर्वेक्षण अब 19 अक्टूबर तक चलेगा, जबकि पहले यह 22 सितंबर से 7 अक्टूबर तक निर्धारित था। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोप्पल जैसे कुछ जिलों ने 97 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है, जबकि दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जैसे अन्य जिलों में केवल 60 प्रतिशत कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में सर्वेक्षण हमारी अपेक्षाओं के अनुसार नहीं चल पाया है, और इसे निर्धारित समय में पूरा करना संभव नहीं है। 


शिक्षा विभाग की तैयारी

शिक्षा विभाग ने स्थायी पिछड़ा वर्ग आयोग के साथ चर्चा के बाद सर्वेक्षण की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस कार्य में लगभग 1.6 लाख कर्मचारी शामिल हैं, जिनमें 1.2 लाख शिक्षक और 40,000 अन्य कर्मचारी शामिल हैं। शिक्षक संघ के अनुरोध पर, सरकार ने सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 8 से 18 अक्टूबर तक छुट्टी घोषित की है। बेंगलुरु में, जहां 6,000-7,000 शिक्षक और 24,000 अन्य कर्मचारी इस प्रक्रिया में लगे हुए हैं, सरकार ने गणना को पूरा करने के लिए नियमित छुट्टियों के साथ-साथ आठ कार्य दिवसों को विशेष अवकाश के रूप में निर्धारित किया है, जिससे कुल 12 दिन की छुट्टी मिलती है। प्रत्येक गणनाकर्ता से प्रतिदिन 15 घरों की गणना करने की अपेक्षा की जाती है। 


सर्वेक्षण में भागीदारी और मुआवज़ा

सिद्धारमैया ने चेतावनी दी है कि सर्वेक्षण में भाग न लेने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने सर्वेक्षण के दौरान मारे गए तीन व्यक्तियों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये का मुआवज़ा देने की घोषणा की। शिक्षकों और गणनाकारों को 20-20,000 रुपये का मानदेय, 5,000 रुपये की एक निश्चित राशि और सर्वेक्षण किए गए प्रत्येक परिवार को 100 रुपये दिए जाएंगे। इस बीच, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने शैक्षणिक कार्य को संतुलित करने के लिए स्कूलों के समय में बदलाव किया है। ग्रेटर बेंगलुरु क्षेत्र में 8 से 24 अक्टूबर तक कक्षाएं सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलेंगी, जबकि अन्य जिलों में 8 से 12 अक्टूबर तक समायोजित समय लागू रहेगा।