कर्नाटक में घृणा अपराध निवारण विधेयक पारित, मुख्यमंत्री ने भाजपा पर लगाया आरोप
कर्नाटक विधानसभा ने हाल ही में घृणा अपराध निवारण विधेयक, 2025 को पारित किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया और कहा कि यह विधेयक उनके भाषणों को रोकने का प्रयास है। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने विधेयक के प्रावधानों की जानकारी दी, जिसमें घृणा अपराधों के लिए दंड का उल्लेख किया गया है। जानें इस विधेयक के पीछे का उद्देश्य और भाजपा पर लगे आरोपों के बारे में।
Dec 22, 2025, 13:28 IST
मुख्यमंत्री का बयान
कर्नाटक विधानसभा के दोनों सदनों में घृणास्पद भाषण और घृणा अपराध निवारण विधेयक, 2025 के पारित होने के बाद, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा इस विधेयक का विरोध कर रही है क्योंकि यह उनके भड़काऊ भाषणों को रोकने का प्रयास है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने सवाल उठाया, "क्या भड़काऊ भाषण समाज में शांति बनाए रख सकते हैं?"
विधेयक का उद्देश्य
यह विधेयक व्यक्तियों और समुदायों के बीच शत्रुता और घृणा को बढ़ावा देने वाले कृत्यों पर अंकुश लगाने के लिए लाया गया है। बेलगावी विधानसभा में इस पर चर्चा के दौरान, गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इसके प्रावधानों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि घृणास्पद भाषण और घृणा अपराधों की स्पष्ट परिभाषा आवश्यक है।
दंड का प्रावधान
गृह मंत्री ने बताया कि घृणा अपराधों के लिए दंड में एक वर्ष की कैद और 50,000 रुपये का जुर्माना होगा, जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। बार-बार अपराध करने पर सजा बढ़ाकर दो वर्ष और जुर्माना 1 लाख रुपये किया जाएगा।
राजनीतिक आरोप
विधेयक के पारित होने के बाद, गृह मंत्री ने भाजपा पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कानून का उद्देश्य किसी विशेष व्यक्ति को निशाना बनाना नहीं है।