कर्नाटक के मंत्री केएन राजन्ना ने इस्तीफा दिया, पार्टी में विवाद बढ़ा
कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने मतदाता सूची में अनियमितताओं के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसे एक साजिश बताया और आलाकमान से मिलने की योजना बनाई है। उनकी टिप्पणियों ने पार्टी में विवाद खड़ा कर दिया है, जिससे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को उन्हें हटाने का निर्देश मिला। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव।
Aug 12, 2025, 12:42 IST
राजन्ना का इस्तीफा और विवाद
कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में अनियमितताओं के आरोपों के बाद, सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने सरकार से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि यह इस्तीफा एक साजिश का हिस्सा है और वह जल्द ही दिल्ली जाकर पार्टी के आलाकमान से मिलेंगे ताकि किसी भी गलतफहमी को दूर किया जा सके।
74 वर्षीय राजन्ना, जो मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी माने जाते हैं, ने कई बार पार्टी के मामलों पर सार्वजनिक बयान देकर कांग्रेस आलाकमान को शर्मिंदा किया है। वह तुमकुरु जिले के मधुगिरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। हाल ही में, उन्होंने मतदाता सूचियों में अनियमितताओं पर टिप्पणी की, जिससे पार्टी हाईकमान को निराशा हुई और सिद्धारमैया को उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने का निर्देश दिया गया।
राजन्ना ने 9 अगस्त को कहा कि जब मतदाता सूची तैयार की जा रही थी, तब कांग्रेस नेता चुप रहे और कोई आपत्ति नहीं उठाई। यह टिप्पणी पार्टी के उस दावे को कमजोर करती है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में महादेवपुरा में लगभग 1 लाख वोट चुराए गए। यह बयान राहुल गांधी की बेंगलुरु में वोट अधिकार रैली के एक दिन बाद आया।
राजन्ना की इस टिप्पणी से राज्य कांग्रेस का एक धड़ा नाराज हो गया और उन्होंने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के गुट ने राजन्ना को इस्तीफा देने का निर्देश दिया और राज्यपाल को इस संबंध में पत्र भेजा। राजन्ना ने पहले भी कई विवादास्पद बयान दिए हैं, जिससे पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है।
हाल ही में, राजन्ना को हासन जिले के प्रभारी मंत्री पद से हटा दिया गया था। सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच चल रहे वर्चस्व के खेल में, राजन्ना ने शिवकुमार को कमजोर करने के लिए तीन और उप-मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की मांग की थी।