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कर्नाटक के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को जेल में मिली पुस्तकालय क्लर्क की जिम्मेदारी

कर्नाटक के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु की जेल में पुस्तकालय क्लर्क के रूप में नियुक्त किया गया है। वह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और अब कैदियों को किताबें जारी करने का कार्य करेंगे। रेवन्ना का अतीत विवादों से भरा रहा है, जिसमें बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोप शामिल हैं। जानें उनके नए कार्य और जेल में उनकी भूमिका के बारे में अधिक जानकारी।
 

प्रज्वल रेवन्ना की नई भूमिका

बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा केंद्रीय कारागार में पुस्तकालय क्लर्क के रूप में नियुक्त किया गया है। कर्नाटक के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से संबंध रखने वाले रेवन्ना अब उन कैदियों के लिए जिम्मेदार होंगे जो आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, और उन्हें किताबें जारी करने तथा उधार लेने का रिकॉर्ड रखने का कार्य सौंपा गया है। जेल अधिकारियों के अनुसार, रेवन्ना ने प्रशासनिक कार्यों में रुचि दिखाई थी। हालांकि, उनके कौशल का मूल्यांकन करने के बाद, अधिकारियों ने उन्हें पुस्तकालय में नियुक्त करने का निर्णय लिया। उनकी दैनिक जिम्मेदारियों में पुस्तकों की सूची बनाना, उन्हें जारी करना और उन पर नज़र रखना शामिल है, जिसके लिए उन्हें प्रतिदिन 522 रुपये का भुगतान किया जाएगा।


जेल में काम करने की प्रक्रिया

एक जेल अधिकारी ने बताया कि आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों से जेल में काम करने की अपेक्षा की जाती है। काम का आवंटन उनके कौशल और इच्छा के आधार पर किया जाता है। रेवन्ना पहले ही लाइब्रेरी में एक दिन की ड्यूटी पूरी कर चुके हैं। आमतौर पर, कैदियों से महीने में कम से कम 12 दिन काम करने की उम्मीद की जाती है, जो सामान्यतः हफ्ते में तीन दिन होता है। हालांकि, लगातार अदालती मामलों और कानूनी सलाह के कारण, रेवन्ना का कार्य अब तक हल्का रहा है। 


प्रज्वल रेवन्ना का विवादास्पद अतीत

प्रज्वल रेवन्ना को मई 2025 में एक विशेष अदालत ने बलात्कार और यौन उत्पीड़न के कई मामलों में दोषी ठहराया था। इस दोषसिद्धि ने इस युवा राजनेता के लिए एक नाटकीय पतन का संकेत दिया, जिन्हें कभी जद(एस) पार्टी का उभरता हुआ चेहरा माना जाता था। रेवन्ना पर पूर्व कर्मचारियों और राजनीतिक सहयोगियों सहित कई महिलाओं द्वारा बलात्कार, यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के आरोप लगाए गए थे। 2024 की शुरुआत में कथित तौर पर उनसे जुड़े अश्लील वीडियो ऑनलाइन लीक होने के बाद इन मामलों ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया, जिससे कर्नाटक में भारी जन आक्रोश और राजनीतिक हंगामा मच गया।