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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने येदियुरप्पा के खिलाफ पोक्सो मामले में आदेश बरकरार रखा

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) मामले में निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा है। अदालत ने येदियुरप्पा की व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता को तब तक नकार दिया जब तक कि यह आवश्यक न हो। मामले की पृष्ठभूमि में एक नाबालिग की माँ द्वारा दायर शिकायत शामिल है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि येदियुरप्पा ने उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

उच्च न्यायालय का निर्णय

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) से संबंधित मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ निचली अदालत के आदेश को मान्यता दी है। अदालत ने मुकदमे को आगे बढ़ाने की अनुमति देते हुए निर्देश दिया कि येदियुरप्पा की व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता तब तक नहीं होगी जब तक कि यह आवश्यक न हो। इसके साथ ही, अदालत ने येदियुरप्पा द्वारा दायर किसी भी छूट आवेदन पर विचार करने का भी आश्वासन दिया, जब तक कि उनकी उपस्थिति जरूरी न हो।


मुकदमे की प्रक्रिया

उच्च न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि निचली अदालत को उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेशों से प्रभावित हुए बिना, प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर मामले का निर्णय करना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता ट्रायल कोर्ट में सभी स्वीकार्य आवेदन प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र हैं, जिसमें आरोपमुक्त करने की याचिका भी शामिल है।


मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला एक नाबालिग की माँ द्वारा दायर किया गया था, जिसने आरोप लगाया कि येदियुरप्पा ने 2 फ़रवरी, 2024 को अपने बेंगलुरु स्थित आवास पर उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की थी। महिला और उसकी बेटी, यौन उत्पीड़न के एक पूर्व मामले में न्याय पाने के लिए येदियुरप्पा से मिलने गई थीं। बाद में, स्वास्थ्य समस्याओं के कारण माँ का निधन हो गया।