करेले के फायदे और नुकसान: जानें कैसे करें सेवन
करेले का महत्व
करेला, जिसे हम सभी ने कभी न कभी अपने जीवन में जरूर चखा होगा, हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।
इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, विटामिन बी, विटामिन ए और अन्य कई महत्वपूर्ण विटामिन्स होते हैं।
हालांकि, कुछ व्यक्तियों को करेले का सेवन नहीं करना चाहिए, जिसके बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
करेले के हानिकारक प्रभाव
मधुमेह: डायबिटीज के मरीजों को करेला खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसे सावधानी से करना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है।
हीमोलाइटिक एनीमिया: करेले का अत्यधिक सेवन पेट दर्द, सिरदर्द और बुखार जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए: गर्भवती महिलाओं को करेले से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इसके बीज में ऐसे तत्व होते हैं जो गर्भावस्था में बाधा डाल सकते हैं।
हृदय की धड़कन: अधिक मात्रा में करेले का सेवन हृदय की धड़कन को अनियमित कर सकता है।
हाइपोग्लाइकेमिया कोमा: करेले का अधिक सेवन रक्त शर्करा को कम कर सकता है, जिससे हाइपोग्लाइकेमिया कोमा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
लिवर और किडनी: ज्यादा करेले का सेवन लिवर और किडनी में संक्रमण का कारण बन सकता है।
बच्चों के लिए: बच्चों को करेले का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके बीज विषाक्त होते हैं।
करेले के औषधीय गुण
त्वचा रोगों में लाभ: करेले में मौजूद तत्व रक्त को शुद्ध करने में मदद करते हैं। इसका सेवन त्वचा रोगों के लिए फायदेमंद है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता: करेले में मौजूद विटामिन और खनिज शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
पाचन शक्ति: करेले का सेवन पाचन शक्ति को बढ़ाता है और भूख को भी बढ़ाता है।
जोड़ों के दर्द में राहत: गठिया या जोड़ों के दर्द में करेले की सब्जी और इसके रस का सेवन फायदेमंद होता है।
मोटापा कम करने में: करेले का रस और नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है।
पथरी में राहत: पथरी रोगियों के लिए करेले का रस और सब्जी फायदेमंद होती है।
पीलिया में: पीलिया और मलेरिया के बुखार में करेले का रस लाभकारी होता है।