करवा चौथ: सिद्ध पीठ चौथ माता मंदिर की विशेषताएँ
करवा चौथ का पर्व
करवा चौथ का पर्व: देशभर में करवा चौथ का त्योहार शुक्रवार, 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। विशेष रूप से यह पर्व उत्तर और मध्य भारत के राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन, पत्नियाँ अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, जिसे रात में चाँद देखने के बाद तोड़ती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान और उज्जैन में चौथ माता के मंदिर हैं, जहाँ महिलाएँ सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए जाती हैं?
राजस्थान का सिद्ध पीठ चौथ माता मंदिर
राजस्थान का सिद्ध पीठ चौथ माता मंदिर:
यह मंदिर राजस्थान के माधोपुर जिले के चौथ नामक कस्बे में स्थित है। यह मंदिर विशेष रूप से पतियों की लंबी उम्र के लिए आशीर्वाद देने के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि जो महिलाएँ चौथ माता से आशीर्वाद मांगती हैं, उनके पतियों की उम्र लंबी होती है। यह मंदिर अरावली पर्वत की पहाड़ियों पर स्थित है, और भक्तों को मंदिर के प्रांगण तक पहुँचने के लिए लंबी सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। करवा चौथ के अवसर पर यहाँ महिलाओं की भीड़ उमड़ती है।
चौथ माता देवी गौरी का एक रूप मानी जाती हैं। यह भी माना जाता है कि इस मंदिर में की गई इच्छाएँ कभी अधूरी नहीं रहतीं। नवरात्रि के दौरान भी यहाँ बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। यह मंदिर विशेष है क्योंकि इसे राजा भीम सिंह ने बनवाया था। मंदिर की वास्तुकला राजस्थान की कला और प्राचीन परंपराओं को दर्शाती है।
उज्जैन का करवा चौथ माता मंदिर
उज्जैन का करवा चौथ माता मंदिर:
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भी करवा चौथ माता का एक मंदिर है, जो देवी पार्वती को समर्पित है। यह मंदिर जीवंकहेड़ी गाँव में अनहेल बायपास के पास स्थित है, और यहाँ की पूजा अत्यधिक श्रद्धा के साथ की जाती है। इस मंदिर में देवी पार्वती अपने दो बहू रिद्धि और सिद्धि तथा भगवान गणेश के साथ विराजमान हैं। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह केवल करवा चौथ के दिन खुलता है और बाकी साल बंद रहता है। डॉ. कैलाश नागवंशी ने इस मंदिर का निर्माण किया और इसे अपनी माँ को समर्पित किया।
सोशल मीडिया पर साझा करें
PC सोशल मीडिया