×

करवा चौथ: मासिक धर्म के दौरान उपवास का महत्व और विधि

करवा चौथ का उपवास विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसमें वे अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। इस वर्ष, यह उपवास 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यदि इस दिन महावारी आती है, तो महिलाएं कैसे उपवास कर सकती हैं और पूजा विधि का पालन कर सकती हैं, जानें इस लेख में।
 

करवा चौथ का उपवास


करवा चौथ का उपवास कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह उपवास शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को पड़ेगा। यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन, महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के उदय तक निर्जला उपवास करती हैं, अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं।


महावारी के दौरान करवा चौथ का उपवास

महावारी के दौरान उपवास को लेकर भ्रम

कभी-कभी, अप्रत्याशित परिस्थितियाँ उपवास और पूजा में बाधा डालती हैं। इनमें से एक कारण महावारी भी है। हर महिला नियमित रूप से मासिक धर्म से गुजरती है, और यदि यह किसी धार्मिक त्योहार या उत्सव के दौरान हो जाए, तो महिलाएं उपवास और पूजा के तरीके को लेकर भ्रमित हो जाती हैं।

शास्त्रों के अनुसार, महिलाओं को महावारी के दौरान पूजा और धार्मिक अनुष्ठान करने से मना किया गया है। इसलिए, यदि करवा चौथ के दिन उनका पीरियड आता है, तो चिंता बढ़ सकती है।


महावारी के दौरान चिंता न करें

करवा चौथ पर पीरियड आने पर चिंता न करें।

यदि आपके उपवास के दिन पीरियड शुरू होता है, तो घबराएं नहीं। आप पूरा मेकअप कर सकती हैं और दिन का आनंद ले सकती हैं। उपवास जारी रखें, लेकिन किसी भी धार्मिक अनुष्ठान से बचें। आप मानसिक रूप से देवी करवा चौथ का ध्यान कर सकती हैं और अपने पति की भलाई के लिए प्रार्थना कर सकती हैं।

यदि विवाहित महिलाएं घर पर या पास में करवा चौथ की पूजा कर रही हैं, तो उनके साथ बैठकर कहानी सुनना भी लाभकारी माना जाता है।


चाँद को देखकर उपवास तोड़ना

रात में चाँद को देखकर उपवास तोड़ना।

चाँद के उदय पर, आप चाँद को छलनी के माध्यम से देखकर अपना उपवास तोड़ सकती हैं। इस समय चाँद को प्रार्थना अर्पित करने से बचें। इस तरह, करवा चौथ का उत्सव आपके पीरियड के दौरान भी मनाया जा सकता है।


महावारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है

महावारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।

शास्त्र स्पष्ट रूप से कहते हैं कि यदि धार्मिक समारोह महावारी के दौरान बाधित होता है, तो महिला का कोई दोष नहीं है। भगवान व्यक्ति की श्रद्धा और भक्ति को देखते हैं। इसलिए, चिंता करने के बजाय, विश्वास और संकल्प के साथ अपना उपवास पूरा करें।


PC Social Media