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करबी आंगलोंग में भूमि हस्तांतरण पर कांग्रेस का आरोप

करबी आंगलोंग जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रतन एंग्टी ने असम सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने बाहरी उद्योगपतियों को बड़ी मात्रा में भूमि हस्तांतरित की है। उन्होंने कहा कि यह भूमि आदिवासी अधिकारों का उल्लंघन है। एंग्टी ने यह भी बताया कि करबी आंगलोंग स्वायत्त परिषद की स्थिति गंभीर है और परिषद पर भारी कर्ज है। इस मुद्दे पर और जानकारी के लिए पढ़ें।
 

करबी आंगलोंग में भूमि विवाद


गुवाहाटी, 27 अगस्त: करबी आंगलोंग जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रतन एंग्टी ने आज आरोप लगाया कि असम सरकार ने करबी आंगलोंग जिले में कुल 1,53,250 बीघा भूमि बाहरी उद्योगपतियों को सौंप दी है।


रतन एंग्टी ने आज राजीव भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरटीआई की जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि एक स्वायत्त पहाड़ी जिले के रूप में करबी आंगलोंग की भूमि गैर-आदिवासियों को हस्तांतरित नहीं की जा सकती, लेकिन सरकार ने अदानी समूह को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 18,000 बीघा, अंबानी समूह को नापियर घास परियोजना के लिए 13,000 बीघा, अन्य सौर परियोजनाओं के लिए 6,000 बीघा, एपीडीसीएल को पंप स्टोरेज के लिए 1,395 बीघा और रामदेव तथा गोदरेज को पाम ऑयल की खेती के लिए 1,16,250 बीघा भूमि देने की व्यवस्था की है।


उन्होंने कहा, "करबी आंगलोंग स्वायत्त परिषद की स्थिति बिगड़ गई है.... परिषद पर 200 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। जबकि छोटे ठेकेदारों, व्यवसायियों और परिषद के कर्मचारियों को लंबे समय से उनके बकाया नहीं दिए गए हैं, करबी आंगलोंग में सैकड़ों करोड़ रुपये के सरकारी फंड लूटे गए हैं।"