कन्नौज में 3 लाख वोटरों के नाम कटने का दावा, पूर्व सांसद ने उठाए सवाल
SIR प्रक्रिया पर पूर्व सांसद का बयान
कई राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया चल रही है, जिसके तहत लाखों फर्जी और डुप्लीकेट वोटरों के नाम हटाए जा रहे हैं। बंगाल में इस प्रक्रिया के तहत 58 लाख नाम कटने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिलेगा। इस संदर्भ में पूर्व बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने एसआईआर पर ध्यान देने की आवश्यकता जताई है।
कन्नौज से पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में मिली हार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि एसआईआर पर सही ध्यान दिया गया होता, तो समाजवादी पार्टी को ढूंढना भी मुश्किल होता। कन्नौज में लगभग 3 लाख वोट कटने की संभावना है, जो बीजेपी के नहीं हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि अखिलेश यादव को कन्नौज में इतनी बड़ी जीत कैसे मिली।
पाठक ने कहा कि कन्नौज की तीन विधानसभा क्षेत्रों में 3 लाख वोट कटने जा रहे हैं। यदि हम पूरी कोशिश करते, तो 50 से 55 प्रतिशत वोट डालने में सफल होते, जबकि सपा 90 प्रतिशत तक वोट डालने में सफल रहती है। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस मामले पर अभी तक अखिलेश यादव की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अखिलेश यादव का एसआईआर पर विरोध
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
अखिलेश यादव ने एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने कई बार बीजेपी और चुनाव आयोग पर आरोप लगाए हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि बीजेपी जहां हारती है, वहां वोट कटवा देती है। यूपी में 3 करोड़ वोटरों के नाम हटाए जाने की बात कही गई है। जिस क्षेत्र से वह चुने गए हैं, वहां 2 लाख वोटरों के नाम कट रहे हैं। यदि एक संसदीय क्षेत्र में दो-तीन लाख वोट कटते हैं, तो यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया वोट काटने के लिए की जा रही है।
बंगाल में ममता बनर्जी का कदम
ममता बनर्जी का नाम जुड़वाने का प्रयास
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एसआईआर के तहत हटाए गए वोटरों के नाम दोबारा जोड़ने पर जोर दे रही हैं। उन्होंने भवानीपुर में हटाए गए वोटरों के नामों की जांच के लिए घर-घर जाकर सर्वे करने का निर्देश दिया है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, एसआईआर प्रक्रिया के तहत लगभग 45,000 वोटरों के नाम हटाए गए हैं।
TMC के एक सूत्र ने कहा, “पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में किसी भी वैध वोटर का नाम नहीं हटाया जाना चाहिए। हर हटाए गए नाम की भौतिक सत्यापन की जानी चाहिए।”