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ओवैसी ने H-1B वीजा पर मोदी सरकार को घेरा, ट्रंप की नीतियों पर उठाए सवाल

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने H-1B वीजा के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारतीय युवा इस वीजा का सबसे अधिक उपयोग करते हैं और ट्रंप के हालिया निर्णय का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ओवैसी ने मोदी सरकार से अपील की कि वह ट्रंप की ब्लैकमेलिंग का सामना करे और इस मुद्दे का समाधान जल्द से जल्द करे।
 

ओवैसी का केंद्र सरकार पर हमला


ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने H-1B वीजा के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने पीएम मोदी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच की नजदीकियों पर भी सवाल उठाए हैं।


ओवैसी ने कहा कि H-1B वीजा का सबसे अधिक उपयोग भारतीय नागरिक करते हैं, जिनमें तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोग शामिल हैं। यह वीजा युवा भारतीयों के लिए अमेरिका में शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करता है। उनका मानना है कि ट्रंप के हालिया निर्णय का भारतीयों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।


प्रधानमंत्री से भी है शिकायत


ओवैसी ने कहा कि उनकी शिकायत केवल ट्रंप से नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी से भी है। उन्होंने अहमदाबाद में आयोजित हाउडी मोदी कार्यक्रम का जिक्र करते हुए पूछा कि इससे भारत को क्या लाभ हुआ है। उन्होंने मोदी सरकार से इस पर गंभीरता से विचार करने की अपील की।


बच्चों के भविष्य पर खतरा


ओवैसी ने चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान के आर्मी चीफ अमेरिका में ट्रंप के साथ बैठकर व्यापारिक समझौते करते हैं, तो यह भारतीय बच्चों के भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है। उन्होंने सरकार से अपेक्षा की कि वह इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए।


ट्रंप की ब्लैकमेलिंग का सामना करें


ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार को ट्रंप की नीतियों का सामना करना चाहिए और उन्हें जवाब देना चाहिए। उन्होंने बताया कि फरवरी के बाद H-1B वीजा की फीस बढ़ने की संभावना है, और सरकार को इस मुद्दे का समाधान फरवरी से पहले करना चाहिए। अन्यथा, युवा भारतीयों को गंभीर नुकसान हो सकता है।