ओवैसी का वायरल वीडियो: 'आई लव मोहम्मद' विवाद की सच्चाई
विवाद का पृष्ठभूमि
देश में 'आई लव मोहम्मद' को लेकर चल रहे ताजा विवाद के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस वीडियो में ओवैसी उस तस्वीर को स्वीकार करने से मना करते नजर आ रहे हैं, जिसमें 'आई लव मोहम्मद' लिखा है। लेकिन क्या वास्तव में ओवैसी इस नारे से दूरी बना रहे हैं? आइए इस वायरल वीडियो की सच्चाई को समझते हैं।
वायरल वीडियो का विश्लेषण
सोशल मीडिया पर कुछ उपयोगकर्ता यह दावा कर रहे हैं कि ओवैसी 'आई लव मोहम्मद' से दूर हो रहे हैं। हालांकि, यह बात अधूरी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फुजैल फारूक नामक एक यूजर ने ओवैसी का वीडियो साझा करते हुए इसकी सच्चाई को स्पष्ट किया है। फुजैल ने बताया कि ओवैसी ने उस फ्रेम को बड़े अदब से हाथ में लिया, जिसमें 'आई लव मोहम्मद' लिखा था। लेकिन जब उन्होंने गुंबद-ए-खिजरा के साथ अपनी तस्वीर देखी, तो उन्होंने तुरंत अपनी फोटो पर हाथ रखकर कहा, “कहां गुंबद-ए-खिजरा और कहां मैं!”
ओवैसी का स्पष्टीकरण
फुजैल ने अपनी पोस्ट में आगे बताया कि ओवैसी ने कहा, “मेरी फोटो क्यों लगाई? यहां गुंबद-ए-खिजरा है, आप हाथ रखो, ऐसा मत करो भाई। मेरे को गुनाहगार क्यों बना रहे हो?” उन्होंने यह भी कहा कि यह एक सच्चे मुसलमान की पहचान है, जो अपने नबी के नाम के साथ अपनी तस्वीर को देखना भी गुनाह समझता है। फुजैल ने लोगों से अपील की कि इस पोस्ट को साझा करके गलत प्रचार को रोका जाए।
गुंबद-ए-खिजरा का महत्व
गुंबद-ए-खिजरा मदीना की मस्जिद-ए-नबवी के निकट स्थित एक हरे रंग का गुंबद है, जो खलीफाओं अबू बक्र और उमर की कब्रों के ऊपर है। यह गुंबद पहले लकड़ी से बना था और इसे 1837 में पहली बार हरे रंग से रंगा गया था। इस्लाम में इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है।
ओवैसी का बयान
ओवैसी ने 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर स्पष्ट किया कि इसमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर कोई मुसलमान है, तो वह मोहम्मद की वजह से मुसलमान है। इससे आगे-पीछे कुछ नहीं। वो कहें जन्नत है, मैं मानता हूं। वो कहें जहन्नुम है, मैं मानता हूं।” ओवैसी ने यह भी कहा कि देश की आजादी में योगदान देने वाले 17 करोड़ भारतीयों के लिए इससे बढ़कर कुछ नहीं है।
विवाद की शुरुआत
यह विवाद 4 सितंबर को उत्तर प्रदेश के कानपुर में बराफात जुलूस के दौरान शुरू हुआ, जब 'आई लव मोहम्मद' लिखे बैनर प्रदर्शित किए गए। कुछ स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसे नई परंपरा बताकर विरोध किया, जिसके बाद माहौल गर्म हो गया। पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए बैनर हटवाए और नौ लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की, जबकि 15 अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।